चीन 20 तो भारत 21...अब हर दुस्साहस की सजा भुगतेगा `ड्रैगन`! ये है PM मोदी की तैयारी
लद्दाख में भारतीय जमीन पर अपनी नजरें गड़ा कर चीन एक बड़ी गलती कर चुका है. अक्सर दूसरों की जमीन हड़पने की आदत रखने वाले चीन को भारत पर नजर डालना बेहद भारी पड़ सकता है.
नई दिल्ली: लद्दाख में भारतीय जमीन पर अपनी नजरें गड़ा कर चीन एक बड़ी गलती कर चुका है. अक्सर दूसरों की जमीन हड़पने की आदत रखने वाले चीन को भारत पर नजर डालना बेहद भारी पड़ सकता है. चीन भले ही अपने आप को बेहतर बताकर बड़ी-बड़ी बातें करता हो लेकिन मौजूदा विवाद से उसके सारे भ्रम टूट चुके हैं. भारत ने सड़क से लेकर सेना के मोर्चे तक चीन को करारा जवाब दिया है और बता दिया है कि 2020 का भारत उस पर 21 ही साबित होगा.
जिस चीन के साथ रिश्ते बेहतर करने की पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद ही हर मुमकिन कोशिश की, जिस चीन को भारत ने शांति के पथ पर चलने की पीएम मोदी ने राह दिखाई, वही अड़ियल चीन शांति की बात कहां समझने वाला था. गलवान में पहले शांति की बात की और फिर सीमा पर अतिक्रमण की कोशिश की, जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया और चीन के 50 सैनिक मार गिराए. अब एक बार फिर चीन को ये अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि अब चीन अगर फिर से कुछ करने की सोचता भी है, तो उसका अंजाम उसे भुगतना होगा.
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भारत के खिलाफ दुस्साहस करने का अंजाम क्या होता है, ये देखने और भुगतने का चीन के लिए समय आ गया है.
इतिहास गवाह है कि भारत से टकराने वालों का हश्र क्या हुआ और जिनपिंग ये गलती भारत में घुसपैठ कराने की कोशिशें कर कर चुके हैं. यही वजह है अब चीन के पक्के हिसाब का वक्त आ गया है. चीन ने जैसे ही भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की. वैसे ही उसे करारा जवाब दिया गया. जितने सैनिक चीन ने लगाए, उतने सैनिक भारत ने भी लगाए और अब चीन पर प्रहार करने की पूरी तैयारी कर ली गई है.
आइए बताते हैं आपको कि कैसे पीएम मोदी ने चीन को हर मोर्चे पर मात देने की तैयारी की हुई है...
- गलवान के बाद तो पीएम मोदी सेना को पूरी छूट दे चुके हैं, ताकि अगर चीन कोई हिमाकत करे तो उसका करारा जवाब दिया जाए.
- LAC पर चीन के हर मंसूबों पर पानी फेर दिया गया है और टैंक से लेकर फाइटर जेट तक लद्दाख में तैनात कर दिए गए हैं.
- इतना ही नहीं, चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने की भी पूरी तैयारी कर ली गई है जिसके तहत अब एक- एक कर सरकार कदम उठा रही है.
इसके अलावा पीएम मोदी के महाशक्तियों के साथ रिश्ते भी चीन पर भारी पड़ने वाले हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का बयान, जिसमें उन्होंने ये तक कह डाला है कि वो भारत का साथ देने के लिए अपनी सेना भेजने के लिए तैयार हैं.
इससे पहले पीएम मोदी और ट्रंप फोन पर भी भारत-चीन विवाद पर बात कर चुके हैं. चीन जानता है कि अमेरिका और भारत की दोस्ती किस कदर उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है. वहीं दूसरी तरफ चीन का पुराना दोस्त माना जाने वाला रूस भी भारत की ही तरफदारी कर रहा है. चीन अब पूरी तरह से घिर चुका है.