लखवी की रिहाई: भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया
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लखवी की रिहाई: भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया

पाकिस्तान की एक अदालत की ओर से मुंबई हमले के साजिशकर्ता जकीउर रहमान लखवी को रिहा करने का आदेश दिए जाने से ‘अति चिंतित’ भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया और स्पष्ट तौर पर कहा कि यह सुनिश्चित करना इस्लामाबाद की जिम्मेदारी है कि लखवी जेल से बाहर नहीं आए।

लखवी की रिहाई: भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया

नई दिल्ली : पाकिस्तान की एक अदालत की ओर से मुंबई हमले के साजिशकर्ता जकीउर रहमान लखवी को रिहा करने का आदेश दिए जाने से ‘अति चिंतित’ भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया और स्पष्ट तौर पर कहा कि यह सुनिश्चित करना इस्लामाबाद की जिम्मेदारी है कि लखवी जेल से बाहर नहीं आए।

कार्यवाहक विदेश सचिव अनिल वाधवा ने बासित को साउथ ब्लॉक तलब किया और अदालती आदेश को लेकर भारत की अप्रसन्नता से उन्हें अवगत कराया। विदेश सचिव एस जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश यात्रा पर हैं, ऐसे में वाधवा कार्यवाहक विदेश सचिव की भूमिका निभा रहे हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान में भी भारतीय उच्चायुक्त के जरिए इस मामले को ‘उच्च स्तर पर उठाया गया’ है। वाधवा के साथ मुलाकात के बाद बासित ने कहा, ‘लखवी को भले ही जमानत मिल गई हो लेकिन सुनवाई जारी रहेगी। हम सभी सुनवाई को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। न्यायिक प्रक्रिया को अपना काम करने दीजिए।’

इधर, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट की ओर से लखवी को रिहा करने का आदेश दिए जाने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पर्याप्त सबूत होने के बावजूद इस्लामाबाद ने उसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया।

रिजिजू ने कहा, ‘पाकिस्तान ने अदालत के समक्ष सबूत पेश नहीं किया।..पाकिस्तान को उस तरीके से आतंकवादियों से निपटना चाहिए जिस तरीके से पूरा विश्व समुदाय कर रहा है। कोई बुरे अथवा अच्छे आतंकवादी नहीं होते, इस तथ्य को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया गया है।’

भारत सरकार की ओर से यह कड़ी प्रतिक्रिया इस्लामाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के कुछ ही घंटों बाद आई है जिसमें अदालत ने 2008 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड लखवी की हिरासत को गैरकानूनी बताया था। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘मुंबई हमले की आपराधिक साजिश में लखवी की भूमिका को साबित करने के लिए पाकिस्तानी एजेंसियों ने पाकिस्तान की अदालत में उसके खिलाफ अकाट्य सबूत उचित तरीके से पेश नहीं किए हैं। इसे बिना किसी देरी के सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’

न्यायमूर्ति नूरूल हक ने 55 वर्षीय लखवी की उस अपील को स्वीकार कर लिया जिसमें उसने खुद को तीसरी बार हिरासत में लिए जाने के आदेशों को चुनौती दी थी। अदालत ने उसकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया। लखवी और छह अन्य -अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनुस अंजुम को नवंबर 2008 में मुंबई हमलों की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोपी बनाया गया। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे।

मुंबई हमले के गुनाहगारों की सजा में देरी को लेकर भारत चिंता जताता रहा है। हाल ही में जयशंकर ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी के साथ मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठाया था।

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