India-Pakistan Arabian Sea: रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी बात ये रही कि इस बचाव मिशन में भारतीय तटरक्षक बल और पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी यानि PMSA के बीच पूरा सहयोग देखा गया. साथ ही दोनों देशों के मेरिटाइम रेस्क्यू कॉरेडिनेशन सेंटर ने पूरे अभियान के दौरान निरंतर संपर्क बनाए रखा.
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India-Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन की खबरें तो आम हैं. लेकिन अरब सागर में एक ऐसा रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ जिसमें भारतीय कोस्ट गार्ड की मदद के लिए पाकिस्तान भी सामने आया और दोनों देशों ने मिलकर समंदर में 12 लोगों की जान बचा ली.
मेरिटाइम रेस्क्यू कॉरेडिनेशन सेंटर यानि MRCC मुंबई को एक डिस्ट्रेस कॉल मिली. कॉल में ये जानकारी साझा की गई कि अल पिरनपीर नाम की बोट पोरबंदर से इरान के बंदर अब्बास के लिए रवाना हुई और 4 दिसंबर तड़के वो डूब गई. मुंबई ने इस जानकारी को तुरंत गांधीनगर के कोस्ट गार्ड हेडक्वॉटर भेजा. मैसेज मिलते ही कोस्ट गार्ड ने अपना रेस्क्यू ऑपरेशन लॉन्च कर दिया.
दोनों देशों के बीच दिखा कॉर्डिनेशन
रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी बात ये रही कि इस बचाव मिशन में भारतीय तटरक्षक बल और पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी यानि PMSA के बीच पूरा सहयोग देखा गया. साथ ही दोनों देशों के मेरिटाइम रेस्क्यू कॉरेडिनेशन सेंटर ने पूरे अभियान के दौरान निरंतर संपर्क बनाए रखा.
सर्च एंड रेस्क्यू रीजन में डूबी थी नाव
खबरों के मुताबिक समुद्र के खराब मौसम के चलते पानी भरने की वजह से बोट द्वारका से तकरीबन 270 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के सर्च एंड रेस्क्यू रीजन में डूबी थी. बोट के डूबने के चलते लोगों ने खुद को एक डोंगी में सुरक्षित कर लिया था. साथ ही पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी से भी संपर्क किया था. पाकिस्तान की तरफ से मदद के लिए एयरक्राफ्ट को रवाना किया और भारतीय तट रक्षक टीम को पूरी मदद देते हुए 12 जिंदगियों को बचा लिया गया.
इससे पहले 18 नवंबर को तटरक्षक बल ने समुद्री सीमा रेखा के पास समुद्र में पीछा करने के बाद पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी के एक जहाज से सात भारतीय मछुआरों को बचा लिया था. तटरक्षक बल को 17 नवंबर को मछली पकड़ने के लिए निषिद्ध क्षेत्र (एनएफजेड) के पास काम कर रही एक भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव से संकटकालीन संकेत मिला था. इसके बाद बचाव अभियान के लिए एक जहाज भेजा गया था. इसमें कहा गया, 'आईसीजी जहाज ने पीएमएसए जहाज को रोका और उन्हें भारतीय मछुआरों को छोड़ने के लिए राजी किया था. आईसीजी जहाज सात मछुआरों को सुरक्षित वापस लाने में सफल रहा, जिनकी चिकित्सा स्थिति स्थिर पाई गई थी.'