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नई दिल्लीः क्या भारत ने भी इजराइल के 'OPERATION WRATH OF GOD' की तर्ज पर दुश्मनों का सफाया करना शुरू कर दिया है. कराची में 1999 के इंडियन एयरलाइंस के हाईजैक के आरोपी की 23 साल बाद हत्या से इस संभावना के निशान मिलते हैं. 44 साल के जहूर मिस्त्री इब्राहीम की कराची की अख्तर कॉलोनी में 1 मार्च को मोटर साइकल पर आए अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, ये बहुत योजना बनाकर की गई हत्या है. आरोप है कि जहूर मिस्त्री ने ही उस एयरक्राफ्ट में सवार युवक रुपिन कत्याल को चाकुओं से गोद कर मारा था. खबरों के मुताबिक, जहूर मिस्त्री कराची की अख्तर कॉलोनी में क्रीसेंट फर्नीचर्स नाम का शोरूम चलाता था और उसने दस्तावेजों में अपना नाम जाहिद अखुंद गनी के रूप में दर्ज किया था.
1 मार्च को दिन में उसकी दुकान के सामने मोटरसाइकिल पर आए 2 युवकों ने बहुत पास से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी. पिस्तौल में साइलेंसर लगा हुआ था और दोनों युवक वारदात के बाद आराम से फरार हो गए थे. हालांकि, सीसीटीवी में हेल्मेट लगाए दोनों युवकों के फुटेज मिल गए हैं.
पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि हत्या की योजना बहुत सावधानी से बनाई गई थी और दोनों हत्यारे बहुत प्रशिक्षित थे. खबरों के मुताबिक, जहूर मिस्त्री के जनाजे में जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर के भाई रऊफ असगर भी शामिल हुआ, जो इस समय जैश का ऑपरेशनल चीफ भी है.
बता दें कि 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की काठमांडू से दिल्ली आ रही फ्लाइट 'IC 814' को हाईजैक कर उसे अमृतसर से लाहौर-दुबई होते हुए कंधार ले जाया गया था. 31 दिसंबर को 170 यात्रियों और 15 क्रू मेंबर्स को तभी छोड़ा गया था, जब भारत सरकार ने जेल में बंद 3 पाकिस्तानी आतंकवादियों को रिहा कर दिया था. इनमें जैश का मुखिया मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर शामिल थे.
हाईजैक करने वाले सभी पांचो आतंकवादी पाकिस्तानी थे. इब्राहीम अतहर उर्फ चीफ, शाहिद अख्तर सईद उर्फ डॉक्टर, सनी अहमद काजी उर्फ बर्गर, शाकिर उर्फ शंकर और जहूर इब्राहीम मिस्त्री उर्फ भोला. बाद में हाईजैक फ्लाइट के यात्रियों ने बताया था कि जहूर मिस्त्री उर्फ भोला सबसे बेरहम था और उसी ने रूपिन कत्याल की चाकुओं से गोदकर हत्या की थी. 25 साल के रुपिन कत्याल नेपाल में हनीमून मनाकर फ्लाइट से वापस घर आ रहे थे.
पिछले कुछ साल से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने अपने दुश्मनों से बदला लेने के लिए कई आक्रामक कार्रवाइयां की हैं. म्यांमार और पीओके में सीमापार कर छापेमारी के अलावा 2019 में पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में हवाई हमले जैसी कार्रवाइयों से ये साफ हो गया है कि अब भारत आगे बढ़कर बदला लेने की कार्रवाइयां करने के लिए तैयार है. मुंबई धमाके के आरोपी, देश में कई सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपी, कश्मीर में आतंकवादी कार्रवाइयों के सूत्रधार, खालिस्तानी आतंकवादी, दाउद के स्मगलर नेटवर्क के मुख्य अपराधियों जैसे बहुत से ऐसे निशाने हैं, जिनकी भारत को लंबे अरसे से तलाश है.
इनमें से ज्यादातर अपराधियों ने पाकिस्तान में पनाह ले रखी है, जहां वो पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की सुरक्षा में रहते हैं, लेकिन इस वारदात के बाद पाकिस्तान में भी इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या भारत अब पाकिस्तान के अंदर जाकर इस तरह की और कार्रवाइयां करेगा, ठीक उसी तरह जैसे इजराइल ने OPERATION WRATH OF GOD में किया था. ये ऑपरेशन 1972 के म्यूनिख ओलंपिक के दौरान फिलीस्तीनी आतंकवादी गिरोह द्वारा 11 इजराइली खिलाड़ियों की हत्या के बाद शुरू किया गया था. 20 साल तक चले इस ऑपरेशन में हत्याकांड में शामिल सभी लोगों को मार डाला गया था.
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