भारत ने नेक्स्ट जेन मिसाइल से जुड़ा कामयाब परीक्षण किया है.
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India successfully done Scramjet engine test: भारत ने नेक्स्ट जेन मिसाइल से जुड़ा कामयाब परीक्षण किया है. भारत की मिसाइल टेक्नालजी (Hypersonic Technology of India) का ये नया आयाम है. भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों ने अगली पीढ़ी के स्टेशन हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्क्रैमजेट इंजन का 1,000 सेकंड से अधिक समय तक सफलतापूर्वक जमीनी परीक्षण किया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने हाइपरसोनिक हथियार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है.
#BreakingNews | भारत ने किया बहुत बड़ा मिसाइल टेस्ट.
भारत ने 1000 सेकंड ज्यादा तक किया स्क्रैमजेट इंजन का टेस्ट#Deshhit #ScramjetEngineTest #India @anuraagmuskaan pic.twitter.com/02n4QbKwus
— Zee News (@ZeeNews) April 25, 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और इंडस्ट्री पार्टनर्स की सराहना करते हुए कहा, 'ये कामयाबी देश के लिए महत्वपूर्ण हाइपरसोनिक हथियार प्रौद्योगिकियों को साकार करने में हमारी मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाती है. DRDO अधिकारियों ने प्रोजेक्ट से जुड़ी पूरी टीम को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए 1000 सेकंड से अधिक समय तक सुपरसोनिक दहन का प्रदर्शन करने के लिए बधाई दी है.
हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (HCM) उन हथियारों की श्रेणी है जो लंबी अवधि के लिए ध्वनि की रफ्तार से 5 गुना अधिक (करीब 6100 किमी प्रति घंटे) की रफ्तार से हमला कर सकते हैं और एयर ब्रीदिंग इंजन द्वारा संचालित होते हैं.
DRDL ने 25 अप्रैल 2025 को हैदराबाद में नवनिर्मित अत्याधुनिक स्क्रैमजेट कनेक्ट टेस्ट फैसिलिटी (SCPT) में 1000 सेकंड से अधिक अवधि के लिए लंबी अवधि के एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कॉम्बस्टर का ग्राउंड परीक्षण किया है. आयोजित ग्राउंड परीक्षण जनवरी 2025 में 120 सेकंड के लिए किए गए पहले के परीक्षण का अगला स्टेप था. इस कामयाबी के साथ भारत का सिस्टम जल्द ही पूर्ण पैमाने पर उड़ान योग्य कॉम्बस्टर टेस्ट के लिए तैयार हो जाएगा.
भारत की बड़ी कामयाबी
पहलगाम में निहत्थे सैलानियों पर हुए पाकिस्तान प्रायोजित हमले के बाद पूरा भारत गुस्से में है. 140 करोड़ देशवासी बदला मांग रहे हैं. भारत ने कई कड़े कदम उठा दिए हैं. ऐसे में इस कामयाब परीक्षण से पाकिस्तानियों की नींद उड़ गई होगी. इस प्रोजेक्ट की बात करें तो भारतीय वैज्ञानिक कई सालों से स्क्रैम जेट इंजन पर काम कर रहे थे. भारत ने इस इंजन के लगातार और चरणबद्ध तरीके से परीक्षण किये हैं.
किस काम आता है ये इंजन?
स्क्रैमजेट इंजन हाइपरसोनिक मिसाइलों (ध्वनि की रफ्तार से चलने वाली मिसाइलों) के लिए बेहद जरूरी होता है. स्क्रैमजेट इंजन, जो हाइपरसोनिक गति पर चलने वाले वाहनों में प्रयोग किए जाते हैं, का परीक्षण DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) द्वारा भी सफलतापूर्वक हो चुका है. हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट को लॉन्च करते के बाद उसकी गतिविधियों को विभिन्न राडार, टेलीमेट्री स्टेशन और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सेंसर्स से ट्रैक किया जाता है. अलग-अलग परीक्षणों में भारत को इस दिशा में अहम कामयाबी मिली है.
भारत को क्यों चाहिए हाइपरसोनिक हथियार?
रूस के पास कई हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं. भारत के पड़ोसी देश चीन के पास भी इस तरह के हथियार के होने की खबर है. ऐसे में जरूरी है कि रणनीतिक स्तर पर संतुलन बनाए रखने के लिए हाइपरसोनिक हथियार या विमान को जल्द से जल्द बना लिया जाए. इसलिए ये कामयाबी देश के लिए बहुत अहम है.