भारत दूसरे देशों को बताएगा कैसे किया कोरोना को काबू, क्या है आगे की योजना
भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला (Harsh Shringla) 6 नवंबर को नई दिल्ली में विदेशी दूत और राजनयिकों को कोरोना के खिलाफ भारत की रणनीति के बारे में बताएंगे. महामारी से जंग में भारत के प्रदर्शन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल चुकी है सराहना.
नई दिल्ली: कोरोना (CoronaVirus) महामारी से लड़ाई में भारत (India) का प्रदर्शन शानदार रहा है. संयुक्त राष्ट्र (UN) सहित दुनिया के कई देश भारत की तारीफ भी कर चुके हैं. अब भारत अपनी COVID-19 कार्य योजना से विदेशी दूत और राजनयिकों को अवगत कराने जा रहा है. 6 नवंबर को होने वाली इस ब्रीफिंग का नेतृत्व भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला (Harsh Shringla) करेंगे.
150 देशों की मदद की है
वैसे, यह पहली बार नहीं है जब भारत अपनी कूटनीतिक कार्ययोजना और कार्रवाई पर विदेशी राजनयिकों को जानकारी दे रहा है, पूर्व में भी इस तरह की ब्रीफिंग की जा चुकी है. कोरोना संकट के बीच, भारत ने 150 से अधिक देशों को HCQ, पैरासीटामोल जैसी दवाएं मुहैया कराई हैं. अपने संयुक्त राष्ट्र महासभा के भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वैश्विक समुदाय को आश्वासन दिया था कि भारत की वैक्सीन (Corona Vaccine) उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग इस संकट से लड़ने में सबकी मदद के लिए किया जाएगा.
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वैक्सीन जल्द आने की उम्मीद
अन्य देशों की तरह भारत भी कोरोना वैक्सीन विकसित करने में लगा है. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उम्मीद जताई है कि 2021 की शुरुआत में वैक्सीन तैयार हो जाएगी. भारत में तीन टीके विकास के उन्नत चरणों में हैं, जिनमें से 2 फेज-II और एक फेज- III में पहुंच गया है. भारत के वैज्ञानिक और अनुसंधान दल अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, मालदीव, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों में अनुसंधान क्षमताओं को मजबूती प्रदान कर रहे हैं. जबकि बांग्लादेश, म्यांमार, कतर और भूटान ने अपने यहां नैदानिक परीक्षणों के लिए भारत से अनुरोध किया है.
भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक
वैक्सीन डेवलपमेंट को लेकर म्यांमार और बांग्लादेश के साथ भारतीय अधिकारियों की बैठकें भी हुई हैं. इस महीने की शुरुआत में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) की म्यांमार यात्रा के दौरान, भारत ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) को Anti Covid Remdesivir की 3000 से अधिक शीशियां सौंपी थीं. इस दौरान भारतीय प्रतिनिधि दल की ओर से कहा गया था कि ‘यह महामारी से जंग में म्यांमार की मदद के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है’. पड़ोसी देशों के लिए भारत ने दो प्रशिक्षण मॉड्यूल आयोजित किए हैं, जिसमें लगभग 90 स्वास्थ्य विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया है.