GE-404 Engine: भारत को 2 साल तक के लंबे इंतजार के बाद अमेरिकी इंजन कंपनी से लड़ाकू विमान के लिए इंजन मिलने वाले है, जिसमें से पहले इंजन के इस महीने के आखिर में डिलीवर होने की उम्मीद जताई जा रही है.
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GE-404 Engine: भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ की चिंताओं को लेकर अब अमेरिका से राहत मिली है. बता दें कि 2 साल के लंबे इंतजार के बाद अमेरिकी विमान इंजन बनाने वाली कंपनी GE इस महीने HAL को 99GE-404 इंजनों में से पहला इंजन देने वाली है. बता दें कि GE-404 इंजन तेजस मार्क1-A लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल किया जाता है. इंजन की डिलीवरी में देरी भारतीय वायुसेना के लिए चिंता खड़ी कर रही है.
महीने के अंत तक हो सकता है डिलीवर
'हिंदुस्तान टाइम्स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक जानकारी रखने वाले 2 अधिकारियों के अनुसार मंगवाए जा रहे इंजनों में से पहला इंजन पहले से ही परीक्षण स्थल पर है. इसके महीने के अंत तक डिलीवरी होने की उम्मीद है. 2025 के अंत तक कुल 12 इंजनों के डिलीवर होने की उम्मीद है. वहीं साल 2021 के 99- इंजन कॉन्ट्रैक्ट के तहत हर साल 20 इंजन की डिलीवरी की जाएगी. यह डील 716 मिलियन डॉलर की है.
GE के साथ काम कर रहा HAL
बता दें कि HAL भारत में बेहद शक्तिशाली GE-414 इंजन के निर्माण के लिए GE के साथ काम कर रहा है. यह इंजन DRDO की ओर से तैयार किए जा रहे एडवांस मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ( AMCA) को मजबूत शक्ति देने का काम करेगा. बता दें कि HAL के 83 LCA MK विमानों की आपूर्ति में देरी करने और इसको लेकर भारतीय वायुसेना के प्रमुख की ओर से निराशा जताने के बाद रक्षा सचिव आरके सिंह की अध्यक्षता में डिफेंस मिनिस्ट्री ने पांचवी पीढ़ी के फाइटर के लिए बिजनेस मॉडल बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है. इसका मकसद फाइटर जेट बनाने केल लिए भारत की सिर्फ HAL पर ही निर्भरता को रोकना है ताकि भविष्य में देश की सुरक्षा की जरूरतों को पूरा किया जा सके.
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अमेरिका का प्रस्ताव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को पांचवी पीढ़ी का F-35 फाइटर जेट देने का प्रस्ताव दिया है, हालांकि भारत की नजर फिलहाल फ्रांस के विकल्प पर है, जो आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत में M-88 इंजन के साथ राफेल फाइटर जेट के निर्माण को बढ़ावा देगा.