Indus Waters Treaty an 'act of war': पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस अंदाज में सिंधु जल संधि को तोड़ा है, उसके बाद पाकिस्तान में हाहाकार मचा है. पाकिस्तान ने भारत को बताया है कि सिंधु जल संधि को तोड़ना एक तरह का एक्ट ऑफ वॉर यानी ऐलान-ए -जंग बताया. इसी बीच भारत ने पाकिस्तान को एक चिठ्ठी लिखी और उसमें वह सारे आधार बता दिए कि आखिर क्यों तोड़ा सिंधु जल संधि. आप भी जानें कारण.
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India suspended Indus Waters Treaty: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में जमकर तनाव पैदा हो गया है. भारत ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक प्रहार करते हुए सिंधु जल संधि को तोड़ दिया है. इसके बाद पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया, जिसके बाद पाकिस्तान ने इसे एक्ट ऑफ वॉर यानी ऐलान-ए -जंग बताया. लेकिन भारत को इन सबसे कहां फर्क पड़ने वाला. भारत ने एक लेटर पाकिस्तान को लिखा और सारी जानकारी, वजह बता दी. समझें पूरा मामला.
भारत ने लिखा लेटर
भारत ने गुरुवार को औपचारिक रूप से पाकिस्तान को पत्र लिखकर सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने के अपने निर्णय की जानकारी दी और कहा कि इस्लामाबाद ने संधि की शर्तों का उल्लंघन किया है. जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखा है. जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी द्वारा पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को लिखे पत्र में कहा गया है, "भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि सिंधु जल संधि 1960 को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा."
Debashree Mukherjee, Secretary, Ministry of Jal Shakti writes to Secretary, Pakistan Ministry of Water Resources.
Letter reads, " The Govt of India has hereby decided that the Indus Waters Treaty 1960 will be held in abeyance with immediate effect" pic.twitter.com/t8GLAsBDgd
— ANI (@ANI) April 24, 2025
आतंकवाद बड़ा आधार
पत्र में लिखा है, "किसी संधि का सद्भावपूर्वक सम्मान करना संधि का मूलभूत आधार है. लेकिन इसके बजाय हमने देखा है कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को निशाना बनाकर सीमा पार से आतंकवाद जारी है."पत्र में आगे कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न सुरक्षा अनिश्चितताओं ने संधि के तहत भारत के अधिकारों के पूर्ण उपयोग को सीधे तौर पर बाधित किया है. पत्र में कहा गया है, इसके अलावा पाकिस्तान ने संधि के तहत कोई खास बातचीत में समर्थन नहीं किया. जबकि इसके लिए भारत ने कई बार अनुरोध किया था. इस प्रकार संधि का उल्लंघन किया है."
लेटर में क्या लिखा है:-
भारत सरकार की तरफ से पाकिस्तान सरकार को दिए गय नोटिस में कहा गया है कि जिसमें संधि के अनुच्छेद XII (3) के तहत सिंधु जल संधि 1960 में संशोधन की मांग की गई है. इस लेटर में उन मुद्दों का हवाला दिया गया है जिसके चलते समझौते पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है. संधि के बाद से अब तक जनसंख्या में काफी बदलाव हुआ है. ऐसे में कुछ बदलाव करने जरूरी हो जाते हैं.इसलिए भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि सिंधु जल संधि 1960 को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है.
सिंधु जल रोका तो एक्ट ऑफ वॉर होगा
इस्लामाबाद में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NCS) की 24 अप्रैल को बैठक हुई. जिसके बाद पाकिस्तान ने कहा कि अगर भारत सिंधु जल समझौते को रोकता है तो इसे एक्ट ऑफ वॉर यानी जंग की तरह माना जाएगा.
65 साल बाद सिंधु जल संधि को तोड़ा
दशकों पुरानी संधि को निलंबित करने का निर्णय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें मंगलवार को 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर पाकिस्तान द्वारा जारी सीमा पार आतंकवाद सिंधु जल संधि के तहत भारत के अधिकारों में बाधा डालता है. 1960 में हस्ताक्षरित इस संधि के तहत पूर्वी नदियां सतलुज, ब्यास और रावी भारत को तथा पश्चिमी नदियां सिंधु, झेलम और चिनाब पाकिस्तान को आवंटित की गयी.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने वीजा किया रद्द
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने कई कड़े नीतिगत कदमों की घोषणा की है. सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने सिंधु जल संधि को फिलहाल रोकने और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है. साथ ही, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी मौजूदा वैध वीजा 27 अप्रैल 2025 से रद्द कर दिए जाएंगे. पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल 2025 तक वैध होंगे. वर्तमान में देश में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा की संशोधित अवधि समाप्त होने से पहले भारत छोड़ देना होगा. वहीं, भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा से बचने की सख्त सलाह दी गई है. साथ ही, वर्तमान में पाकिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों को भी जल्द से जल्द स्वदेश लौटने की सलाह दी गई है.
भारत ने दुनिया के 20 देशों के राजनयिकों को पहलगाम हमले के बारे में बताया
वहीं भारत ने गुरुवार को करीब 20 देशों के शीर्ष राजनयिकों को पहलगाम हमले और भारत के रुख के बारे में जानकारी दी. इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, यूरोपीय संघ, इटली, कतर, जापान, चीन, जर्मनी, फ्रांस, इंडोनेशिया, मलेशिया, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और नॉर्वे शामिल हैं. इनके राजनयिकों को साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय में बुलाया गया था.
पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की मौत
आपको बता दें, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे, जबकि कई लोग घायल हुए है. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' नाम के आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. ऐसे में इस घटना के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक बार फिर तनाव का दौर शुरू हो गया है. (इनपुट आईएएनएस से भी)