हमें पूरी उम्मीद है कि भारत का गौरव लौटाने और माउंट एवरेस्ट को माउंट सिकदर का नाम दिलाने की ZEE NEWS की इस मुहिम में आप सभी हमारा साथ देंगे.
Trending Photos
नई दिल्ली: माउंट एवरेस्ट सिर्फ एक पर्वत चोटी नहीं है, ये उससे भी विराट और महान है, जिसका महत्व इसकी ऊंचाई में छिपा है. हम आज आपके लिए विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट से माउंट सिकदर का विचार लेकर आए हैं और इस विचार से भारत का क्या विश्वास जुड़ा है, वो भी हम आपको बताएंगे.
लेकिन इससे पहले आपको बता दें कि राधानाथ सिकदर भारत के महान गणितज्ञ थे, जिन्होंने वर्ष 1852 में पहली बार दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत की ऊंचाई को मापा था. लेकिन अंग्रेजों ने उन्हें इसका श्रेय नहीं दिया और इस पर्वत चोटी का नामकरण जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर कर दिया गया, जिन्होंने न तो माउंट एवरेस्ट कभी देखा था और न ही उन्हें इसकी कोई जानकारी थी. इसलिए आज हम ये मांग करते हैं कि क्यों न माउंट एवरेस्ट का नाम माउंट सिकदर कर देना चाहिए.
ZEE NEWS माउंट एवरेस्ट का नाम माउंट सिकदर करने की मुहिम चला रहा है. इस मुहिम के पीछे हमारा मकसद ये है कि माउंट एवरेस्ट का नाम भारतीय के नाम पर हो. भारत का गौरव लौटाने के लिए ZEE NEWS की इस मुहिम से जुड़ें. #IndiaForMtSikdar के साथ अपनी बात लिखिए.
Mount Everest पर भारत के दावे का अद्भुत विश्लेषण, देखें VIDEO
हम राधानाथ सिकदर के विचार के साथ आपको हिमालय के उस स्वभाव के बारे में भी बताना चाहते हैं, जिसका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है. कहते हैं कि हिमालय दुनिया की सबसे युवा पर्वत श्रृंखला है. प्राचीनकाल से ही ऋषि और मुनि हिमालय में तपस्या करने के लिए आते जाते रहे. ये हिमालय की खूबी ही है कि यहां से ज्ञान और गंगा दोनों की धारा बहती है और माउंट एवरेस्ट हिमालय का गौरव है.
ये दुनिया का सबसे ऊंचा स्थान है. हम सब अपने जीवन में ऊंचाइयों पर पहुंचना चाहते हैं और आप कह सकते हैं कि हमारी इच्छाओं और सपनों का एक माउंट एवरेस्ट हमारे मन में हमेशा जीवित रहता है.
हमें पूरी उम्मीद है कि भारत का गौरव लौटाने और माउंट एवरेस्ट को माउंट सिकदर का नाम दिलाने की ZEE NEWS की इस मुहिम में आप सभी हमारा साथ देंगे.