#IndiaKaArth: गृह मंत्री अमित शाह ने की ZEE NEWS के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी की तारीफ
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#IndiaKaArth: गृह मंत्री अमित शाह ने की ZEE NEWS के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी की तारीफ

ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत किया और व्यवस्तताओं के बीच महोत्सव के लिए वक्त निकालने पर धन्यवाद किया. 

ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत किया...

नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्‍टेडियम में चल रहे 'अर्थ: ए कल्‍चर फेस्ट (Arth: A Culture Fest) में भागीदारी की. ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) ने गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत किया और व्यवस्तताओं के बीच महोत्सव के लिए वक्त निकालने पर धन्यवाद किया. गृह मंत्री शाह ने भी ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी की तारीफ की और वादा किया कि तीसरे अर्थ कल्चर फेस्ट के लिए वो पूरा वक्त देंगे. अर्थ सांस्कृतिक महोत्सव में शाह के भाषण के दौरान स्टेडियम तालियों से गूंजता रहा.

शाह ने भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ZEE MEDIA के प्रयास की सराहना की. शाह ने कहा कि ज़ी न्यूज़ 'अर्थ: सांस्कृतिक महोत्सव' जैसे कार्यक्रम आयोजित करके देश के भविष्य के लिए काम कर रहा है. शाह ने अपने संबोधन में कहा, "मैं ZEE NEWS के इस प्रयास की सरहाना करता हूं. हम सबके सिर पर एक जिम्मेदारी है, हमें संसकृति को आगे ले जाने का प्रयत्न करना है. दुनिया की ढेर सारी समस्याओं का समाधान हमारी संस्कृति में भरा पड़ा है." 

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारतीय संस्कृति में हर समस्या का समाधान है. शाह ने युवाओं से अपील की है कि वे अपनी ही भाषा में ही बात करें, ये आदत देश को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाएगी. शाह ने कह कि वसुधैवकुटुंबकम और सत्यमेव जयते ही भारतीय संस्कृति की पहचान है और लोकतंत्र हमारे देश के DNA में शामिल है.

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भाषा बचेगी तो संस्कृति बचेगी
शाह ने अपने संबोधन में आगे कहा, "हमारी परंपरा में वेदों में कहा गया है कि दुनिया की सभी दिशाओं से अच्छे विचार हमें मिले, हम सब अच्छे विचारों को ग्रहण करें और दुनिया की उन्नति के लिए काम करें, ये हमारी संस्कृति का मूल विचार है. हर देश की पहचान उसकी सीमाओं, भूगोल और उसकी राज्य व्यवस्था के आधार पर होती है. भारत दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जो देश नहीं है, जियो-कल्चरल (Geo-Cultural) देश है. गुलामी के इतने लंबे कालखंड के बाद भी हम अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाते रहे हैं. भाषा बचेगी तो संस्कृति बचेगी."

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