#IndiaKaDNA LIVE: PDP के साथ गठबंधन खत्‍म करने के पीछे कोई राजनीति नहीं- राम माधव
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#IndiaKaDNA LIVE: PDP के साथ गठबंधन खत्‍म करने के पीछे कोई राजनीति नहीं- राम माधव

19 जून को बीजेपी राष्‍ट्रीय महासचिव राम माधव ने जम्‍मू-कश्‍मीर में गठबंधन को तोड़ने की घोषणा कर दी. राम माधव ने ही तीन साल पहले गठबंधन को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.

#IndiaKaDNA LIVE: PDP के साथ गठबंधन खत्‍म करने के पीछे कोई राजनीति नहीं- राम माधव

नई दिल्‍ली: जम्‍मू-कश्‍मीर में तीन साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं मिला था. उसके बाद राज्‍य की 87 सीटों में से सर्वाधिक 28 और 25 सीटें जीतने वाली क्रमश: पीडीपी और बीजेपी ने गठबंधन सरकार बनाई. अब 19 जून को बीजेपी राष्‍ट्रीय महासचिव राम माधव ने इस गठबंधन को तोड़ने की घोषणा कर दी. राम माधव ने ही तीन साल पहले गठबंधन को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. कश्‍मीर में सियासी उठापठक के मसले पर जी न्‍यूज के INDIA का DNA 2019 कॉन्क्लेव में बोलते हुए राम माधव ने पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाए. उन्‍होंने कहा कि हमारे सामने दो प्रमुख मुद्दे थे- आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए शांति बहाली और पूरे राज्‍य में विकास करना. लेकिन हालिया दौर में घाटी में हुई घटनाओं के बाद यह लगने लगा था कि हमारी ये आकांक्षा पूरी नहीं हो रही थी. लिहाजा ये गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया.

इसी संदर्भ में राम माधव ने कहा कि पिछले कुछ समय से दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ रही थीं. महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम चाहते थे कि शांति बहाली हो. इसी कड़ी में रमजान के महीने में सीजफायर की घोषणा हुई लेकिन राज्‍य सरकार हालात को सुधारने में नाकाम रही. वरिष्‍ठ पत्रकार शुजात बुखारी की श्रीनगर के बीचोंबीच हत्‍या कर दी गई. इस कारण लगने लगा कि हमने जिस मकसद से इस गठबंधन को बनाया था, वह उस मकसद को पूरा करने में सफल नहीं हो रहा है, लिहाजा समर्थन वापसी का फैसला करना पड़ा. लेकिन इसके साथ ही आश्‍वस्‍त करते हुए कहा कि हमने राज्‍य की सत्‍ता को छोड़ा है लेकिन जम्‍मू-कश्‍मीर को नहीं छोड़ा है. जब तक घाटी में अंतिम आतंकी का खात्‍मा नहीं हो जाता, तब तक हम शांति से नहीं बैठेंगे.

#IndiaKaDNA: जम्‍मू-कश्‍मीर में BJP-PDP में कुछ मुद्दों पर असहजता बढ़ रही थी- राम माधव

जब जी न्‍यूज के संपादक सुधीर चौधरी ने राम माधव से पूछा कि क्‍या 2019 के आम चुनावों के मद्देनजर जम्‍मू-सरकार गिर गई? इस पर बोलते हुए राम माधव ने कहा कि पीडीपी के साथ गठबंधन खत्‍म करने के पीछे कोई राजनीति नहीं है. हालांकि इस गठबंधन में किसी प्रकार की खींचतान नहीं थी लेकिन इधर कुछ महीनों से हमारे बीच असहजता बढ़ रही थी. लिहाजा हमने राष्‍ट्र हित में यह फैसला लिया.

विपक्षी गठबंधन महज शिगूफा
2019 के आम चुनावों को देखते हुए जब विपक्षी गठबंधन के मसले पर सवाल उठा तो राम माधव ने कहा कि इस गठबंधन में बहुत अंतर्विरोध है. लिहाजा ऐसा कोई थर्ड फ्रंट, फेडरल फ्रंट बनने वाला नहीं है. नतीजतन 2019 में एक बार फिर पीएम मोदी की सरकार बनेगी.

राम माधव द्वारा कही गई अन्‍य प्रमुख बातें...
-जो लोग देशद्रोह करते हैं, वो भी जम्‍मू-कश्‍मीर में बैठे हुए हैं.
-राज्‍य की आम जनता की भारत के साथ कोई दुश्‍मनी नहीं हैं.
-घाटी के लोग खुद को भारत का हिस्‍सा मानते हैं.
-लेकिन कश्‍मीर में खराब माहौल लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है.
-लोकतंत्र में राजनीति के कई रंग होते हैं.
-गठबंधन तोड़ने का फैसला राजनीति से प्रेरित नहीं था.
-घाटी में पीडीपी को बहुमत मिला.
-अगर हम गठबंधन के तहत राज्‍य में नहीं बनाते तो राज्‍यपाल शासन लगता.
-अगर आप सहयोगी दल के रूप में बात करें तो राज्‍य में अच्‍छा गठबंधन चला. कॉमन एजेंडा लेकर दोनों दल राज्‍य में चल रहे थे.
-आतंकवाद और अन्‍य मुद्दों पर दोनों दलों ने मिलकर काम करने का प्रयास किया, लेकिन पीडीपी बाद में पीछे हटने लगी.

राम माधव से पहले कॉन्क्लेव में केन्द्रीय मंत्री राज्‍यवर्धन सिंह राठौड़ ने जी न्‍यूज के संपादक सुधीर चौधरी से बातचीत करते हुए कहा कि 'चुनाव का वक्‍त आता जा रहा है और सभी राजनीतिक दल धरातल पर आ गए हैं.' उन्‍होंने कहा कि आज पूरे भारत में जितने मोबाइल फोन, सोशल मीडिया से उठने वाले विचार इतने बढ़ गए हैं कि आज क्लियर हो जाता है कि कौन सी मीडिया कितनी सही प्रीडिक्‍शन कर रही है. उन्‍होंने कहा कि भाजपा ने क्षेत्रीय दलों को अहमियत दी है. हम 2014 से अटैकिंग मोड में हैं और 2019 तक ऐसे ही रहेंगे.

उनसे पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कॉन्‍क्‍लेव में कहा कि 'पूरे देश से कांग्रेस का सफाया हो रहा है. कांग्रेस अपना राज्य भी नहीं बचा पा रही है. उत्तर पूर्व में भी बीजेपी का झंडा लहरा रहा है. 2014 में अच्छे दिन के नारे के बाद 2019 में क्या नारा होगा, इस सवाल के जवाब में जावड़ेकर ने कहा कि यह चुनाव आने पर ही तय होगा. हमारे सभी साथी आज भी खड़े है, हमारा कोई साथी अलग नहीं हुआ है.'

वहीं, 'INDIA का DNA 2019 कॉन्क्लेव' में राजद नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव ने जी न्‍यूज के संपादक सुधीर चौधरी से बातचीत करते हुए कहा कि 'जहां तक महागठबंधन की बात है हमने बिहार में करके दिखाया, लेकिन चाचा (नीतीश कुमार) पलटी मार गए.' उन्‍होंने कहा कि आने वाला चुनाव मंडल, अंबेडकर, गांधी बनाम गोलवलकर और गोडसे होने जा रहा है. हमारी कोशिश रहेगी कि आगामी चुनावों में सभी दल गोलबंद हों.

तेजस्‍वी से पहले कॉन्क्लेव में समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के द यह तय होगा कि देश का प्रधानमंत्री कौन बनेगा. उन्‍होंने कहा कि 'मैं प्रधानमंत्री बनने की सूची में नहीं हूं, लेकिन मैं उस प्रदेश से हूं, जहां से सूची बनेगी'.

अखिलेश यादव ने कहा कि 2017 के चुनाव में उनसे चूक यह हुई कि दरअसल वह सोचते थे‍ कि सड़क, मेट्रो के नाम यानी काम के आधार पर वोट मिले लेकिन बीजेपी ने जाति, धर्म, संप्रदाय के नाम पर वोट मांगे. उसका फॉर्मूला सफल हुआ. इसके साथ ही जी न्‍यूज के संपादक सुधीर चौधरी ने पूछा कि सियासत को यदि शेयर बाजार के हिसाब से देखा जाए तो आजकल विपक्षी महागठबंधन की धुरी के रूप में आप ही दिख रहे हैं. उसका उदाहरण उन्‍होंने देते हुए कहा कि कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस शपथ ग्रहण समारोह में आप को ही सबसे ज्‍यादा भाव मिल रहा था. इसका जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह भी बीजेपी से ही सीखा है कि जो दिखता है, वही बिकता है.

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