शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला को अशोक चक्र देते हुए राष्ट्रपति कोविंद की आंखें हुईंं नम
भारतीय इतिहास में यह पहला मौका है जब भारतीय वायुसेना के किसी गरुड़ कमांडो को अशोक चक्र से नवाजा गया. 18 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के बंदीपोरा में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में निराला शहीद हुए थे.
नई दिल्ली : 18 नवंबर 2017 में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को धूल चटाने वाले भारतीय वायु सेना के जवान गरुड़ कमांडो जेपी निराला को 69वें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अशोक चक्र से सम्मानित किया. राजपथ पर जेपी निराला की पत्नी और मां को राष्ट्रपति ने अशोक चक्र दिया. निराला को अशोक चक्र से सम्मानित करते वक्त रामनाथ कोविंद की आंखे नम हो गई. भारतीय इतिहास में यह पहला मौका है जब भारतीय वायुसेना के किसी गरुड़ कमांडो को अशोक चक्र से नवाजा गया है. 18 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के बंदीपोरा में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में निराला शहीद हुए थे.
शांति के समय दिया जाना वाला सर्वोच्च सैन्य सम्मान
निराला की वीरता को देखते हुए उन्हें वन मैन आर्मी भी कहा गया था. दुश्मनों से लड़ते हुए सर्वोच्य बलिदान देने वाले जेपी निराला की बहादुरी की वजह से अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है. यह दूसरा मौका है जब भारतीय वायुसेना के किसी जवान को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है. निराला से पहले वर्ष 1971 में राकेश शर्मा ने भारतीय वायुसेना को पहला अशोक चक्र दिलाया था. बता दें कि अशोक चक्र शांति के समय दिया जाना वाला सबसे बड़ा सैन्य सम्मान होता है.
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कुख्यात आतंकी जकी के भतीजे को उतारा मौत के घाट
18 नवंबर को घाटी में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में निराला आतंकरोधी अभियान के तहत स्पेशल ड्यूटी पर बांडीपोर में सेना के साथ तैनात थे. निराला वायुसेना की गरुड़ कमांड़ो की उस टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने कुख्यात आतंकी जकी उर रहमान लखवी के भतीजे ओसामा जंगी को मौत के घाट उतारा था. इस एनकाउंटर में भारतीय सेना ने 6 आतंकवादियों को ढेर किया था. बता दें कि श्रीनगर में इसी ऑपरेशन के दौरान सेना की तरफ से की गई कर्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के भतीजे तल्हा रशीद भी मारा गया था.
आतंकियों पर कहर बनकर टूटे थे निराला
18 नवंबर को घाटी में सुरक्षा बलों को जिले में हाजिन इलाके के चंदरगीर गांव में आतंकियों होने की जानकारी मिली थी. गुप्त जानकारी पर कार्रवाई करते हुए सेना ने घाटी में अभियान चलाया. अभियान के दौरान ही सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गई. आतंकियों पर करारा जबाव देते हुए जेपी निराला अपनी एके 47 राइफल से गोलीबारी शुरू कर दी. आतंकियों पर कहर बनकर टूटे और 2 को ढेर किया. इसके साथ ही 2 जवानों को घायल कर दिया. इस अभियान में कुल 6 आतंकी मारे गए थे. जिसका श्रेय निराला को ही जाता है.
आत्मनिर्भर बनने का दिया करते थे मोटिवेशन
निराला की पत्नी ने कहा कि वह हमेशा ही वीरता की बात किया करते थे. अक्सर जब निराला घर जाते थे तो अपनी पत्नी से कहा करते थे कि वो रहे ना रहे लेकिन उन्हें आत्मनिर्भर रहना होगा. निराला का मानना था कि उनका पहला कर्तव्य देश की सेनवा करना है.
निराला की पत्नी का कहना है कि वो अपनी बेटी को भी उन्हीं के पद चिन्हों पर चलने की सलाह देती हैं. जैसे उनके पति ने देश का नाम रोशन किया वैसे ही उनकी बेटी भी देश का नाम रोशन करेगी. शहीद निराला के पिता तेजनारायण ने बताया कि उनका एकलौता बेटा था लेकिन आज उन्हें गर्व है कि वह देश के लिए शहीद हुआ.
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शहीद निराला की शहादत को सलाम
शहीद निराला बिहार के रोहतास के रहने वाले थे. वह वर्ष 2005 में वायु सेना में शामिल हुए. जेपी निराला के परिवार में उनकी बहनें और माता-पिता हैं. निराला को अशोक चक्र से सम्मानित किए जाने पर उनके पिता काफी खुश हैं. निराला के पिता ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनके बेटे को अशोक चक्र मिलेगा, जिससे निराला की शहादत अमर हो जाएगी.
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कौन हौते हैं गरुण कमांडो?
गरुण कमांडो फोर्स भारतीय वायु सेना की स्पेशल टास्क फोर्स है. वर्तमान समय में भारतीय सेना की स्पेशल टास्क फोर्स में 1080 जवान तैनात हैं. भारतीय सेना द्वारा इन जवानों को खास दुर्गम स्थानों पर वायुसेना के लिए बेस बनाने, सर्च ऑपरेशन करने और रेस्क्यू करने के लिए तैयार किया जाता है.