PM मोदी और शी जिनपिंग की बैठक के बाद भारत-चीन सेना ने पेट्रोलिंग के तरीके को बदला!
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PM मोदी और शी जिनपिंग की बैठक के बाद भारत-चीन सेना ने पेट्रोलिंग के तरीके को बदला!

बीपीएम में दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) पर शांति कायम रखने और विश्वास बहाली के अतिरिक्त उपायों पर काम करने का संकल्प लिया. बीपीएम की बैठक लद्दाख के चुसुल में हुई.

पिछले साल डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पिछले सप्ताह मध्य चीनी शहर वुहान में अनौपचारिक शिखर वार्ता का जमीनी स्‍तर पर असर दिखने लगा है. इसी कड़ी में भारत और चीन की सेना ने एक मई को बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बीपीएम) की. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद सेनाओं के बीच यह पहली बैठक है. इससे पहले पीएम मोदी और चिनफिंग ने मुलाकात के दौरान सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर दोनों देशों के बीच रणनीतिक संचार को मजबूत करने पर सहमति जताई थी.

  1. लद्दाख के चुसुल में दोनों सेनाओं के बीच बीपीएम हुई
  2. पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति जिनपिंग के बाद पहली बैठक
  3. पिछले साल डोकलाम में 73 दिनों तक दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध रहा

बीपीएम में दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) पर शांति कायम रखने और विश्वास बहाली के अतिरिक्त उपायों पर काम करने का संकल्प लिया. बीपीएम की बैठक लद्दाख के चुसुल में हुई. सूत्रों ने बताया कि यह रस्मी बीपीएम था और बैठक के दौरान सीमा प्रबंधन के मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि विवादित सीमा पर तनाव को कम करने और अविश्वास को पाटने के उपायों पर बातचीत केंद्रित थी.

अपनी अनौपचारिक शिखर वार्ता में मोदी और चिनफिंग ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच संवाद को मजबूत बनाने और दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के बीच विश्वास और समझ बनाने के लिये 'रणनीतिक मार्गदर्शन' जारी करने का फैसला किया था. यह फैसला डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 73 दिनों तक चले गतिरोध के कुछ महीने बाद किया गया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पिछले सप्ताह मध्य चीनी शहर वुहान में अनौपचारिक शिखर वार्ता हुई थी.(फाइल फोटो)

सीमा पर तनाव कम करने की कोशिश
सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन की सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव को कम करने के लिये कई कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच भरोसे का निर्माण करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और सीमा पर तनाव कम करने के उपायों पर विचार किया जा रहा है. इसमें ‘मिलजुल कर गश्त लगाने’ समेत अन्य कदम शामिल हैं.

विवादित क्षेत्र में गश्‍त लगाने से पहले देंगे सूचना
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तालमेल करके गश्त लगाने के तहत प्रत्येक पक्ष दूसरे पक्ष को विवादित क्षेत्र में अपना गश्ती दल भेजने से पहले अग्रिम सूचना देगा. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष स्थानीय घटनाओं का हल 2003 के समझौते के प्रावधानों के अनुसार करेंगे.
सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष भारतीय सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) और उनके चीनी समकक्ष के बीच काफी समय से लंबित हॉटलाइन स्थापित करने पर भी काम कर रहे हैं. बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बीपीएम) मजदूर दिवस के मौके पर हुई और सैनिक और उनके परिवार के सदस्यों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. दोनों पक्षों ने अरूणाचल प्रदेश के किबिथे में वाचा सीमा चौकी पर तोहफे का आदान-प्रदान किया.

(इनपुट: भाषा से भी)

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