सेना की कमांडर्स कॉन्फ्रेंस आज से शुरू, रक्षामंत्री, सीडीएस और तीनों सेनाध्यक्ष करेंगे संबोधित
आज से दिल्ली में सेना की कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (Indian Army Commanders Conference) की शुरूआत हो रही है. चार दिन तक चलने वाली इस कॉन्फ्रेंस को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense minister Rajnath Singh) सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और तीनों सेनाध्यक्ष संबोधित करेंगे.
नई दिल्ली: आज से दिल्ली में सेना की कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (Indian Army Commanders Conference) की शुरूआत हो रही है. चार दिन तक चलने वाली इस कॉन्फ्रेंस को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense minister Rajnath Singh) सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और तीनों सेनाध्यक्ष संबोधित करेंगे. एलएसी पर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच ये कॉन्फ्रेंस काफी अहम मानी जा रही है.
इस बैठक में उप-सेनाध्यक्ष, सभी सेना कमांडर, सभी प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर्स के अलावा दूसरे कई सीनियर अफसर भी मौजूद रहेंगे. साल में दो बार होने वाली इस कॉन्फ्रेंस मेंसेना की सभी मुख्य रणनीतियों बनाई जाती हैं. चीन के साथ पिछले 5 महीने से ज्यादा समय से चल रहे सबसे गंभीर तनाव के बाद ये कॉन्फ्रेंस बहुत महत्वपूर्ण है.
ये चार दिन होंगे खास
कॉन्फ्रेंस के पहले दिन पूरे दिन सेना में सैनिकों से जुड़े हुए मुद्दों पर विचार किया जाएगा. इसी दौरान नियंत्रण रेखा पर तैनात 50 हजार सैनिकों के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी. 27 तारीख को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सभी कमांडर्स को संबोधित करेंगे. वहीं 28 तारीख को सेना अलग-अलग सेना कमांडरों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी. जबकि 29 तारीख का दिन बहुत महत्वपूर्ण है जब सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के हर पहलू पर बारीकी से चर्चा की जाएगी और उसकी समीक्षा होगी. इस दिन बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल सीमा पर चल रहे अलग-अलग प्रोजेक्ट्स के बारे में रिपोर्ट देंगे.
सड़क निर्माण पर दिया जा रहा विशेष ध्यान
दरसअल, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (Border Road Organization) बहुत तेजी से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (Line Of Actual Control) पर इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में लगा हुआ है. चीन के साथ मौजूदा तनाव की जड़ भारत द्वारा एलएसी पर किया जाने वाला इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम है. लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत सड़कें, पुल और पहाड़ों के नीचे सुरंगों का निर्माण कर रहा है.
इसी महीने मनाली से लेह के रास्ते पर रोहतांग पास के नीचे अटल टनल को आवागमन के लिए खोला गया है. श्रीनगर से लेह के रास्ते पर जो जिला पास के नीचे से एक और रणनैतिक महत्व की टनल का काम भी इसी महीने शुरू हो गया है. इसके अलावा लद्दाख में कई रणनैतिक महत्व की सड़कें या तो बनाई जा रही हैं या उनकी क्षमता को बढ़ाया जा रहा है.