PM मोदी की ब्रिटेन यात्रा से पहले फिर उठी कोहिनूर हीरे की वापसी की मांग
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PM मोदी की ब्रिटेन यात्रा से पहले फिर उठी कोहिनूर हीरे की वापसी की मांग

पीएम नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान फिर एक बार 800 साल पुराने विश्व के सबसे बड़े हीरे कोहिनूर की वापसी की मांग उठने लगी है। 105 कैरेट का कोहिनूर हीरा तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत के दौरान क्वीन एलिजाबेथ को भेंट किया गया था। यह हीरा महारानी के ताज में लगा है और इसकी प्रतिकृति लंदन टॉवर में रखी गई है।

फाइल फोटो

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान फिर एक बार 800 साल पुराने विश्व के सबसे बड़े हीरे कोहिनूर की वापसी की मांग उठने लगी है। 105 कैरेट का कोहिनूर हीरा तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत के दौरान क्वीन एलिजाबेथ को भेंट किया गया था। यह हीरा महारानी के ताज में लगा है और इसकी प्रतिकृति लंदन टॉवर में रखी गई है।

मशहूर कोहिनूर हीरा के भारत आने की उम्मीद जगने लगी है। भारतीय उद्योगपतियों और अभिनेताओं की एक लॉबी कोहिनूर हीरा भारत को वापस करने की मांग करते हुए महारानी एलिजाबेथ को कानूनी चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। भारतीय समूह ‘टिटोज’ के सह-संस्थापक डेविड डीसूजा इस नयी कानूनी कार्रवाई में आर्थिक मदद कर रहे हैं और उन्होंने ब्रिटिश वकीलों को हाई कोर्ट में सुनवाई की कार्यवाही शुरू करने को कहा है। करीब 800 वर्ष पहले, 105 कैरेट का यह हीरा भारत के खादान से निकला था।

आंध्र प्रदेश की एक खान से निकला कोहिनूर पूरे 720 कैरेट का हुआ करता था। मुगल शासक अलाउद्दीन खिलजी के जनरल मालिक काफूर ने इसे जीता था और ये वर्षों तक खिलजी वंश के खजाने में रहा। मुगल शासक बाबर के पास पहुंचने के बाद इसने मुगलों के साथ कई सौ वर्ष बिताए। शाहजहां के मयूर सिंहासन पर अपनी चमक फैलाने के बाद कोहिनूर हीरा महाराज रंजीत सिंह के पास पहुंचा। अंत में एक तोहफे के तौर पर कोहिनूर तत्कालीन ब्रिटेन की महारानी को सौंपा गया और तब से ये महारानी के ताज में जड़ा हुआ हैं। इससे पहले भी समय-समय पर काहिनूर की वापसी की मांग उठती रही है।

मोदी 12 नवंबर को लंदन पहुंचेंगे और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ दोपहर का भोजन करेंगे। उनका अपने ब्रिटिश समकक्ष डेविड कैमरन के साथ वार्ता का कार्यक्रम है। वह पार्लियामेंट स्कवॉयर में महात्मा गांधी के प्रतिमा स्थल भी जाएंगे। ब्रिटिश संसद के स्पीकर की मेजबानी वाले स्वागत समारोह में वह भारतीय मूल के एवं अन्य सांसदों से बातचीत करेंगे। वह टाटा मोटर्स के मालिकाना हक वाली जगुआर लैंड रोवर फैक्टरी भी जाएंगे और उत्तर लंदन में एक नये अंबेडकर स्मारक और 12 वीं सदी के भारतीय दार्शनिक बासव की एक नयी प्रतिमा का भी अनावरण करने की भी उनकी योजना है। प्रधानमंत्री 14 नवंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने अंकारा के लिए रवाना होंगे।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

 

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