दुनिया का शायद ही कोई ही ऐसा कोई देश हो जहां बॉलीवुड फिल्मों के दीवाने ने हो.
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नई दिल्ली: दुनिया का शायद ही कोई ही ऐसा कोई देश हो जहां बॉलीवुड फिल्मों के दीवाने ने हो. बॉलीवुड की फिल्में न सिर्फ मनोरंजन करती है बल्कि ये देश के कल्चर ,संस्कृति और भारत से अन्य देशों के बीच संबधों को और ज्यादा मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती है. हंगरी और भारत के बीच संबधों को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच आपसी रिश्ते को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए ऐसी ही एक पहल इंडियन फिल्म फेस्टिवल के जरिये की जा रही है. हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में 7 अक्टूबर से लेकर 13 अक्टूबर तक करीब एक हफ्ते तक चले फेस्टिवल में दोनों देशों के लोगों ने भारतीय और हंगरी के फिल्मों का लुत्फ उठाया.
रविवार को संपन्न हुए इंडियन फिल्म फेस्टिवल में 12 भारतीय फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया जबकि हंगरी के कई बेहतरीन फिल्मों को फिल्म फेस्टिवल में शामिल किया गया. हंगरी में भारतीय दूतावास और हंगरी सरकार की कोशिशोंं के चलते हुए फिल्म फेस्टिवल को बुडापेस्ट के प्रसिद्ध पिंक सिनेमा भी दिखाया गया.
इस मौके पर बालीवुड की अदाकारा राइमा सेन और फिल्म निर्माता राहुल मित्रा शामिल हुए वहीं हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सजत्राय और हंगरी में भारत के राजदूत कुमार तूहीन भी इस कार्यक्रम में पहुंचे. इस मौके पर भारत के राजदूत कुमार तूहीन ने कहा कि बुडापेस्ट में हो रहे फिल्म फेस्टिवल की तारीफ करते हुए कहा कि प्यार और खुशियां बाटती भारतीय सिनेमा की फिल्मों को बुडापेस्ट में 7अक्टूबर से लेकर 13 अक्टूबर दिखाई जा रही है जो कि एक अच्छी पहल है.
बालीवुड की फिल्मों की लोकप्रियता सभी जगह है और हंगरी के लोगों को भी इस फिल्म फेस्टिवल के जरिये भारतीय फिल्मों को और करीब से समझने का मौका मिला . इस मौके पर मौजूद फिल्म मेकर राहुल मित्रा ने कहा कि ये फेस्टिवल सिनेमा के जरिये दोनों देशों के कल्चर को समझने का एक बड़ा जरिया है.
जो दोनों देशों के संबधों को और ज्यादा मजबूत करेगा. इंडियन फिल्म फेस्टिवल से जुड़े और कार्यक्रम के संचालक कैप्टन राहुल मित्रा ने कहा कि जब कल्चरल संबध मजूबत होते हैं तो इससे कमर्शियल सहयोग की भी शुरुआत होती है. हंगरी में भारतीय फिल्में भारत के कल्चर को प्रमोट करने में कामयाब हुई हैं. हंगरी में संपन्न हुए पांचवे इंडियन फिल्म फेस्टिवल में सिर्फ भारत और हंगरी के ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देशों के कई राजदूत भी शामिल हुए.