भारत के इस शख्स ने कनाडा में लड़ी 5 साल तक कानूनी लड़ाई, 2000 छात्रों को दिलाया न्याय
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भारत के इस शख्स ने कनाडा में लड़ी 5 साल तक कानूनी लड़ाई, 2000 छात्रों को दिलाया न्याय

अनीश गोयल नाम के एक शख्स ने कनाडा में पांच साल तक न सिर्फ अपने लिए बल्कि दो हजार इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और उसमें जीत भी हासिल की है. 

अनीश गोयल ने लड़ी 5 साल तक कानूनी लड़ाई

चंडीगढ़: अनीश गोयल नाम के एक शख्स ने कनाडा में पांच साल तक न सिर्फ अपने लिए बल्कि दो हजार इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और उसमें जीत भी हासिल की है. दरअसल मामला कनाडा के एक कॉलेज से जुड़ा है जिसमें अनीश सहित 2000 अन्य छात्रों ने एडमिशन लिया था. डिग्री हासिल करने के बाद जब वर्क परमिट के लिए अप्लाई किया तो पता चला कि वर्क परमिट के लिए कॉलेज के ऑनलाइन कोर्स की मान्यता नहीं है. 5 साल चली कानूनी लड़ाई के बाद कनाडा की अदालत ने पूरे मामले में कॉलेज को दोषी पाया और मामले में पीड़ित छात्रों को 7500 से 20 हजार कनाडा डॉलर देने के निर्देश जारी किए हैं. 

पहली बार इस तरह के मामले में किसी युवक की पहल से दुनियाभर के उन युवकों को राहत मिली है जो विदेश में धोखाधड़ी का शिकार होकर लाखों रुपये गंवा देते हैं. अनीश अब वैध रूप से कनाडा में रह सकेंगे और उनकी डिग्री को मान्य मानते हुए उन्हें वहां काम करने की भी अनुमति मिल गई है.

परिवार ने 20 लाख खर्च करके अनीश को भेजा कनाडा और करवाया एडमिशन

अनीश के पिता और पंजाब सरकार में पीएसआइडीसी से रिटायर्ड राजेश गोयल ने बताया कि बेटे ने 2013 में चितकारा यूनिवर्सिटी बद्दी से बीटेक की डिग्री के बाद कनाडा स्थित न्याग्रा कॉलेज से इंजीनियरिंग का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में दाखिला लिया. परिवार ने मुश्किल से 20 लाख खर्च कर बेटे को कनाडा भेजा. लेकिन डिग्री के बाद जब बेटे ने वर्क परमिट के लिए आवेदन किया तो उसे बताया गया कि कॉलेज के ऑनलाइन कोर्स को मान्यता ही नहीं है.

यह जानकारी न सिर्फ अनीश बल्कि तीन साल तक उस कॉलेज से डिग्री करने वाले दुनियाभर के विभिन्न देशों से आए सैकड़ों युवाओं के लिए सदमा देने वाला था. अनीश ने कॉलेज द्वारा धोखा किए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बनाया. कुछ और स्टूडेंट्स को भी इसमें शामिल होने के लिए मनाया. आखिर 2015 में शुरू हुई कानूनी लड़ाई में अनीश और अन्य छात्रों ने फरवरी 2020 में जीत हासिल की.

अनीश ने 2000 अन्य छात्रों को भी दिलाया न्याय

अनीश के पिता ने बताया कि तीन वर्ष की पढ़ाई पूरी करने के बाद अनीश ने कनाडा में इमिग्रेशन ऑफिस में वर्क परमिट के लिए अप्लाई किया, लेकिन अधिकारियों ने यह कहकर वर्क परमिट देने से इंकार कर दिया कि न्याग्रा कॉलेज के ऑनलाइन कोर्स मान्य ही नहीं हैं. उन्होनें बताया कि 7 फरवरी को कोर्ट ने अनीश के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि कॉलेज फीस के रूप में 750950 डालर यानी करीब सवा पांच करोड़ रुपये व स्टूडेंट्स की ओर से किए केस खर्च के रूप में करीब 1.40 करोड़ रुपये लौटाने होंगे. 

कनाडा में अनीश को जीत हासिल करने पर उसके परिवार को मिल रही बधाई

बता दें अनीश के अलावा साल 2013 से लेकर 2016 तक दुनियाभर से आए 2000 से अधिक स्टूडेंट्स न्याग्रा कॉलेज से स्नातक या पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कर चुके थे. इन सभी स्टूडेंट्स को अनीश ने इकट्ठा किया और जागरूक किया. आखिरकार 5 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद अनीश सहित 2000 छात्रों को न्याय मिला. फिलहाल अनीश कनाडा में है और सेक्टर-42 निवासी अनीश गोयल की इस जीत के बाद उनके घर पर उनके पिता राजेश गोयल और मां रेखा गोयल को बधाई मिल रही हैं.      

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