Indian Military: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में इन प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई. यह खरीद प्रक्रिया का पहला चरण है अंतिम रूप देने में समय लग सकता है.
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Defence Modernisation: भारतीय सेना लगातार खुद को अपडेट करती रहती है. सीमा पार बैठे आतंकियों और दहशतगर्दों से निपटने के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को एक और बड़ा कदम उठाया है. मंत्रालय ने 54,000 करोड़ रुपये की लागत वाली सैन्य आधुनिकीकरण योजनाओं को मंजूरी दी. इनमें ब्रह्मोस मिसाइल, छह एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट, टी 90 टैंकों के इंजन अपग्रेड, नौसेना के लिए एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें और टॉरपीडो शामिल हैं. असल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद DAC की बैठक में इन प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई.
ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती होगी तेज
जानकारी के मुताबिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को भारत और रूस के सहयोग से विकसित किया गया है. यह अब भारतीय सेना के लिए प्रमुख पारंपरिक प्रहार हथियार बन चुकी है. DAC ने इस मिसाइल के लिए 20000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति दी है. इसकी मारक क्षमता अब 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 450 किलोमीटर कर दी गई है. भारतीय सेना और वायुसेना में ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी. हालांकि यह स्वीकृति रक्षा खरीद प्रक्रिया का पहला चरण है जिसके बाद अनुबंध को अंतिम रूप देने में कई साल लग सकते हैं.
IAF को मिलेंगे छह नए नेत्र विमान
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा अधिग्रहण परिषद ने वायुसेना के लिए छह नए AEW&C मार्क 1A विमान खरीदने की मंजूरी दी है. जिसे NETRA या नेत्र एयरक्राफ्ट भी कहा जाता है. ये विमान ब्राजीलियन एम्ब्रेयर 145 जेट पर स्वदेशी एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार और अन्य निगरानी प्रणालियों के साथ तैयार किए जाएंगे. इसकी कुल लागत 9,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी. वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास केवल तीन नेत्र मार्क 1 विमान और तीन इजरायली फाल्कन रडार सिस्टम हैं. इस मामले में भारत पाकिस्तान और चीन से काफी पीछे है.
नौसेना को मिलेंगी नई मिसाइलें.. टॉरपीडो
उधर नौसेना के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित वरुणास्त्र टॉरपीडो और रूसी श्तिल एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों को मंजूरी दी गई है. ये मिसाइलें नौसेना के 3,900 टन वजनी चार अपग्रेडेड क्रिवाक III श्रेणी के फ्रिगेट्स पर तैनात की जाएंगी. इन चार फ्रिगेट्स में से पहला युद्धपोत INS तुशील पहले ही रूस से भारत के लिए रवाना हो चुका है. जबकि दूसरा इसी वर्ष आने की संभावना है. बाकी दो युद्धपोतों का निर्माण गोवा शिपयार्ड में ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के तहत किया जा रहा है. कुल लागत 13,000 करोड़ रुपये है.
टी 90 टैंकों के इंजन होंगे अपग्रेड
रक्षा मंत्रालय ने टी 90S भीष्म युद्धक टैंकों के इंजन अपग्रेड करने की भी स्वीकृति दी है. अभी इन टैंकों में 1,000 हॉर्सपावर HP के इंजन लगे हैं. इन्हें अब 1350 HP इंजन से अपग्रेड किया जाएगा. यह अपग्रेडेशन विशेष रूप से ऊंचाई वाले इलाकों में इन टैंकों की गतिशीलता को बढ़ाएगा. भारतीय सेना अब तक 1300 टी 90 टैंक तैनात कर चुकी है और कुल 1657 टैंकों का उत्पादन भारत में रूसी लाइसेंस के तहत हो रहा है.