रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा , ‘‘पश्चिमी बेड़े के कौशल का सीधा मुआयना करने के बाद मुझे विश्वास है कि भारतीय नौसेना किसी भी तरह के खतरे से देश को बचाने में पूरी तरह सक्षम है.’’
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नई दिल्ली : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को भारत के पश्चिमी तटीय क्षेत्र में नौसेना की क्षमताओं का प्रदर्शन देखने के बाद कहा कि देश की जलसेना किसी भी तरह के खतरे से राष्ट्र को बचाने में पूरी तरह सक्षम है. इस शो में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य, तीन पनडुब्बियों समेत 10 से अधिक युद्धपोतों और नौसेना के कई विमानों ने भाग लिया. दो दिनों तक भारतीय नौसेना की समुद्री शक्ति की समीक्षा करते हुए श्रीमती सीतारमण ने एयर इंटरस्टेशनों, मिसाइल, तोप तथा रॉकेट फाइरिंग, जहाज से जहाज भरपाई, रात्रि उड़ान तथा सबमेरिनरोधी कार्रवाइयों सहित अनेक जटिल नौसैन्य कार्रवाई की अध्यक्षता की. भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े ने भारत के पश्चिमी तट से नौसेनिक कालाबाजियों को अंजाम दिया और इसका उद्देश्य कार्रवाई दक्षता और युद्ध क्षमता को दिखाना है.
रक्षा मंत्री ने कई नौसैनिक अभियानों का संचालन देखा
नौसेना ने बताया कि सीतारमण ने सोमवार को शुरू हुई दो दिन की प्रदर्शनी में कई जटिल नौसैनिक अभियानों का संचालन देखा.सबसे पहले रक्षा मंत्री आईएनएस कोलकाता में सवार हुईं जो कोलकाता श्रेणी का पहला स्वदेश निर्मित विध्वंसक पोत है. इसके बाद उन्होंने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर समुद्र में रात गुजारी. नौसेना ने एक बयान में कहा कि वास्तविक परिस्थितियों में विमानवाहक पोत के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए निर्मला सीतारमण आठ जनवरी की रात को जहाज पर एक कृत्रिम खतरों वाले माहौल से गुजरीं जहां उनके ‘एस्कॉर्ट’ साथ थे. रक्षा मंत्री इस दौरान मिग-29K में भी बैठी और उन्होंने रात के वक्त उड़ान का निरीक्षण किया.
#WATCH: Defence Minister Nirmala Sitharaman observed the night time takeoff of the MiG-29K aircraft from INS Vikramaditya (Source: Indian Navy) pic.twitter.com/e024OcpASB
— ANI (@ANI) January 9, 2018
नौसेना ने उनके हवाले से कहा, ‘‘पश्चिमी बेड़े के कौशल का सीधा मुआयना करने के बाद मुझे विश्वास है कि भारतीय नौसेना किसी भी तरह के खतरे से देश को बचाने में पूरी तरह सक्षम है.’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंदी महासागर क्षेत्र में नौसेना की ‘मिशन आधारित’ तैनातियों से समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित रखने में प्रभावी योगदान मिला है.