पहलगाम अटैक के बाद भारत ने समंदर में उतारा 'काल', देखकर थर-थर कांप उठेगा पाकिस्तान
Advertisement
trendingNow12729401

पहलगाम अटैक के बाद भारत ने समंदर में उतारा 'काल', देखकर थर-थर कांप उठेगा पाकिस्तान

INS Surat: भारत लगातार हर विभाग में अपनी ताकत बढ़ाने पर जोर दे रहा है. इसके तहत आज नौसेना ने स्वदेश निर्मित विध्वंसक मिसाइल का INS सूरत से सफल परीक्षण किया. 

पहलगाम अटैक के बाद भारत ने समंदर में उतारा 'काल', देखकर थर-थर कांप उठेगा पाकिस्तान

INS Surat: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. भारत, पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने की तैयारी में जुटा है. इसी के तहत आज भारतीय नौसेना ने स्वदेशी निर्देशित विध्वंसक मिसाइल का INS सूरत से सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल ने समुद्र में लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है. यह नौसेना की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा. 

नौसेना ने क्या कहा
इसे लेकर नौसेना ने कहा कि यह उपलब्धि स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन, विकास और संचालन में भारतीय नौसेना की बढ़ती हुई क्षमता को दर्शाती है. साथ ही साथ बताया कि रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है. यह देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना की अटूट प्रतिबद्धता और आत्मनिर्भर भारत के प्रति समर्पण का प्रमाण है. बता दें कि यह मिसाइल सतह से हवा में मार करती है.

गौरतलब है कि इससे कुछ दिन पहले ही डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने स्वदेशी रूप से विकसित वर्टिकल-लॉन्च्ड शॉर्ट-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (वीएलएसआरएसएएम) का सफल परीक्षण किया था. ओडिशा तट पर चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से 26 मार्च को दोपहर लगभग 12:00 बजे यह परीक्षण पूरा हुआ था. इस दौरान मिसाइल ने भूमि-आधारित वर्टिकल लॉन्चर से एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को बहुत नजदीकी रेंज और कम ऊंचाई पर नष्ट किया था. इस उड़ान परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने लक्ष्य को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए आवश्यक उच्च गति का प्रदर्शन किया था. वहीं, सैन्य शक्ति में जबरदस्त इजाफा करते हुए इसी माह भारत ने लड़ाकू विमान से दागे जाने वाले लंबी दूरी के ग्लाइड बम (एलआरजीबी) 'गौरव' का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 8 से 10 अप्रैल के बीच 'गौरव' लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम के सफल रिलीज ट्रायल्स को अंजाम दिया था. परीक्षण सुखोई-30 एमके-1 विमान से किए गए, जिसमें हथियार को विभिन्न वॉरहेड कॉन्फिगरेशन के साथ कई स्टेशनों पर एकीकृत किया गया था. इस प्रणाली के विकास में 'डेवलपमेंट-कम-प्रोडक्शन' पार्टनर्स अदाणी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज का भी सहयोग रहा. परीक्षणों के दौरान इस बम ने लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तक अत्यंत सटीक निशाना लगाया. (एजेंसी)

 

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;