हवा-पानी और धरती से तबाही मचाएगा नेवी का एक और शिकारी, 'त्रिपुट' के बाद आया 'तवस्य'
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हवा-पानी और धरती से तबाही मचाएगा नेवी का एक और शिकारी, 'त्रिपुट' के बाद आया 'तवस्य'

Tavasya: भारतीय वायु सेना को एक और खतरनाक युद्धपोत मिल गया है. जुलाई में 'त्रिपुट' के बाद अब नौसेना को 'तवस्य' मिल गया है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अहम कदम है. यह युद्धपोत दुश्मनों के तमाम इरादों को तबाह करने में अहम भूमिका निभाने वाला है. 

हवा-पानी और धरती से तबाही मचाएगा नेवी का एक और शिकारी, 'त्रिपुट' के बाद आया 'तवस्य'

Indian Navy Tavasya: भारतीय नौसेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. शनिवार को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने ‘तवस्या’ नामक युद्धपोत लॉन्च किया है. ‘तवस्या’ नाम महाभारत के महाबली भीम की गदा से लिया गया है, जो अदम्य शक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. यह परियोजना 1135.6 के अतिरिक्त फॉलो-ऑन जहाजों में दूसरा फ्रिगेट है.

24 जुलाई को लॉन्च हो चुका है 'त्रिपुट'

जनवरी 2019 में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के बीच दो अतिरिक्त युद्धपोतों बनाने का समझौता हुआ था. इसी योजना के तहत पहला युद्धपोत ‘त्रिपुट’ 24 जुलाई को लॉन्च किया गया था. अब ‘तवस्या’ के लॉन्च के साथ इस परियोजना को आगे बढ़ाया गया है. इन युद्धपोतों का निर्माण पहले बने P1135.6 फ्रिगेट्स की तर्ज पर किया गया है, लेकिन खास बात यह है कि अब इन्हें पूरी तरह से भारतीय शिपयार्ड में ही तैयार किया जा रहा है.

क्या हैं 'तवस्य' का खासियत?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत और आत्मनिर्भरता को जाहिर है. इन फ्रिगेट्स को जमीन, पानी के नीचे और हवाई युद्ध अभियानों के दौरान कामयाबी के साथ तबाही मचाने के लिए डिजाइन किया गया है. ‘त्रिपुट’ और ‘तवस्या’ दोनों ही लगभग 125 मीटर लंबे हैं और इनकी गहराई (ड्राफ्ट) 4.5 मीटर है. वजन की बात करें तो इनका कुल भार लगभग 3600 टन है और ये 28 नॉट की रफ्तार के साथ सकते हैं.

पहचान करना मुश्किल

यह युद्धपोत स्टील्थ तकनीक से लैस हैं, जिससे इनकी पहचान करना मुश्किल होता है. इसके अलावा इनमें आधुनिक हथियार, सेंसर और प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इनकी जंगी क्षमता और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है.

आत्मनिर्भर भारत की तरफ बड़ा कदम

‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत बनाए गए ‘त्रिपुट’ और ‘तवस्या’ में भारतीय निर्माताओं के ज़रिए बनाए गए उपकरणों, हथियारों का इस्तेमाल किया गया है. इससे न सिर्फ देश में बड़े पैमाने पर रक्षा निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि लोकल इंडस्ट्रीज को भी मजबूती मिल रही है. इसके साथ ही, इस परियोजना से देश में रोजगार के नए मौके भी पैदा हो रहे हैं, जिससे भारत की आर्थिक और सामरिक स्थिति मजबूत हो रही है.

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