Fake Currency Racket: आपने देश में नकली रुपये छापने वाले गिरोह के पकड़े जाने की खबर सुनी होगी. लेकिन आज हम ऐसे गिरोह की बात करेंगे जो रुपये नहीं बल्कि नकली डॉलर छाप रहा था. अत्याधुनिक प्रिंटर, नोट के सैंपल, नोटों में इस्तेमाल होने वाला कलर और 100 से ज्यादा नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर. नकली डॉलर छापने वाले ठिकाने पर अहमदाबाद पुलिस पहुंची तो दंग रह गई. आंखों पर पुलिसवालों को भी यकीन नहीं हुआ. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मौलिक पटेल निकला मास्टरमाइंड


नकली डॉलर छापने वाले इस गिरोह का मास्टरमाइंड मौलिक पटेल है, जो सालों ऑस्ट्रेलिया में रह रहा था और जब भारत लौटा तो यहां नकली डॉलर छापने का पूरा गिरोह बना लिया. मौलिक पटेल को ऑस्ट्रेलिया में ट्रांसपोर्ट बिजनेस में काफी नुकसान हुआ था, जिसके बाद उसने अपराध की दुनिया में उतरने का फैसला किया. फेक करंसी रैकेट अहमदाबाद के वत्व इलाके के एक अपार्टमेंट से चल रहा था. 


अपार्टमेंट में छाप रहे थे नकली डॉलर


डीसीपी जयराज सिंह ने कहा, 'ये तीनों मिलकर एक कॉम्प्लेक्स में प्रिंटिंग मशीन और थोड़ा सा मटीरियल लेकर वहीं पर ऑस्ट्रेलियन डॉलर छाप रहे थे. वो प्रिंटर भी हमने जब्त किया है. इसके एजेंट विदेश जाने वाले लोगों से संपर्क साधते और नकली डॉलर देने की डील की जाती.


कम कीमत पर बेचते थे डॉलर


गिरोह एक ऑस्ट्रेलियाई डॉलर को 40 रुपये में बेचता जबकि 1 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का मूल्य भारत में लगभग 55 रुपये का है. उन्होंने आगे बताया, 'मुखबिर से खबर मिली थी कि कोई बंदा सस्ते में ऑस्ट्रेलियन डॉलर बेच रहा है जो तकरीबन 50 रुपये के आसपास एक डॉलर बेच रहा था.  इस इन्फार्मेशन के साथ हमारी टीम ने काम किया. तो रौनक नाम के आदमी के पास से 131 डॉलर के नोट मिले.'


पुलिस का दावा है कि गिरोह ने अबतक सैकड़ों लोगों को नकली डॉलर बेचकर लाखों की कमाई की है. लेकिन इस बार डील उल्टी पड़ गई. गिरोह के सभी 4 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस अब इस सवाल का जवाब तलाश रही है कि क्या ये गिरोह डॉलर के साथ-साथ नकली रुपये भी छाप रहा था.