भारतीय मूल की लड़की ने दिया 'नासा' के मार्स हेलीकॉप्टर को नाम, जीती ये प्रतियोगिता
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भारतीय मूल की लड़की ने दिया 'नासा' के मार्स हेलीकॉप्टर को नाम, जीती ये प्रतियोगिता

अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पहले 'मंगल हेलीकॉप्टर' को नाम मिल गया है. भारतीय मूल की लड़की ने 'नासा' के मार्स जाने वाले पहले हेलीकॉप्टर को ये नाम दिया है.  इसका श्रेय भारत के मूल की वनीजा रूपाणी को जाता है.

वनीजा रूपाणी

नई दिल्ली: अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के पहले 'मंगल हेलीकॉप्टर' को नाम मिल गया है. भारतीय मूल की लड़की ने 'नासा' के मार्स जाने वाले पहले हेलीकॉप्टर को ये नाम दिया है. 

  1. भारतीय मूल की लड़की ने दिया 'नासा' के मार्स  हेलीकॉप्टर को नाम
  2. वनीजा रूपाणी ने नेम द रोवर प्रतियोगिता में लिया था भाग
  3. हेलीकॉप्टर का नाम इंजनुइटी होगा 

इसका श्रेय भारत के मूल की वनीजा रूपाणी को जाता है. अमेरिका में नॉर्थपोर्ट, अल्बामा में रहने वाली जूनियर हाईस्कूल छात्रा रूपाणी को यह श्रेय तब मिला जब उन्होंने नासा की ‘नेम द रोवर’प्रतियोगिता में भाग लिया. 

नासा के मंगल हेलीकॉप्टर को आधिकारिक रूप से नामकरण के बाद अब ‘इंजनुइटी’कहा जाएगा. इंजनुइटी का हिंदी में अर्थ 'सरलता' होता है. 

रूपाणी ने ही प्रतियोगिता के जरिए विमान के लिए यह नाम सुझाया था जिसे स्वीकार कर लिया गया. नासा ने मार्च में घोषणा की थी कि उसके अगले रोवर का नाम ‘पर्सविरन्स’ होगा जो सातवीं कक्षा के छात्र एलेक्जलेंडर मैथर ने रखा था.

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एजेंसी ने मंगल ग्रह पर रोवर के साथ जाने वाले हेलीकॉप्टर का नामकरण करने का भी निर्णय किया था जिसे रूपाणी ने जीता. नासा ने ट्वीट किया कि हमारे मार्स हेलीकॉप्टर को नया नाम मिल गया है. मिलिए 'इंजनुइटी' से.

‘इंजनुइटी’ दूसरी दुनिया में पहली यांत्रिक ऊर्जा उड़ान के प्रयास के तहत लाल ग्रह पर ‘पर्सविरन्स’के साथ जाएगा. नासा ने इस संबंध में बुधवार को घोषणा की.

कुल 28 हजार लोग इस कंपटीशन में शामिल हुए, जिसमें अमेरिका के प्रत्येक राज्य और क्षेत्र के छात्रों ने हिस्सा लिया. रूपाणी ने अपने निबंध में लिखा था कि इंजनुइटी वह चीज है जो अद्भुत चीजें सिद्ध करने में लोगों की मदद करता है.

यह ब्रह्मांड के हर कोने में हमारे क्षितिजों को विस्तारित करने में मदद करेगा.‘इंजनुइटी’ और ‘पर्सविरन्स’ के जुलाई में प्रक्षेपण का कार्यक्रम है और ये अगले साल फरवरी में मंगल ग्रह के जेजेरो गड्ढे में उतरेंगे जो 3.5 अरब वर्ष पूर्व अस्तित्व में आई एक झील का स्थल है.

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नासा ने कहा कि रोवर जहां मंगल के नमूने एकत्र करेगा, वहीं हेलीकॉप्टर वहां उड़ने की कोशिश करेगा और यदि सबकुछ ठीक रहा तो यह भविष्य के मंगल अन्वेषण अभियानों में हवाई आयाम को जोड़ेगा. 

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