India Pakistan News in Hindi: भारत ने सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को अब कूटनीतिक मोर्चे पर जोरदार पटखने की तैयारी की है. भारत ने दुनिया के 33 देशों में 58 सदस्यों का जो प्रतिनिधिमंडल भेजा है, वो दुश्मन देश को ऐसी चोट देगा कि कई सालों तक याद रखेगा.
Trending Photos
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तान को बेनकाब करने का कूटनीतिक अभियान छेड़ दिया है. भारत से जो सात प्रतिनिधिमंडल विदेश के 33 देशों का दौरा करेंगे, उसमें 59 सदस्य है. इनमें 51 सांसद हैं. बाकी पूर्व राजनयिक शामिल हैं. इसमें 10 बड़े मुस्लिम देश भी शामिल हैं.
भारत ने जिन 33 देशों को चुना हैं, उनमें करीब 80-85 करोड़ मुस्लिम आबादी रहती है और भारत की 20 करोड़ मुस्लिम आबादी को जोड़ लें तो ये 100 करोड़ के ऊपर हो जाती है. ऐसे में ये पाकिस्तान की उस बड़ी मुहिम को भी ध्वस्त करने का प्रयास है, जो वो दुनिया में इस्लामिक मुल्कों को एकजुट करके भारत विरोधी माहौल बनाने का प्रयास करता रहा है.
इंडोनेशिया और खाड़ी देशों पर निगाह
दुनिया में सबसे ज्यादा करीब 25 करोड़ आबादी वाले मुल्क इंडोनेशिया भी भारत का प्रतिनिधिमंडल जाएगा. खाड़ी देशों में ताकतवर सऊदी अरब, यूएई के साथ कुवैत और बहरीन में पाकिस्तान की पोल पट्टी खोलने के लिए भारतीय दल जाएगा. पाकिस्तान को खुले समर्थन के बावजूद भारत ने सांसदों को तुर्की भी भेजने का निर्णय किया है.
अफ्रीकी देशों पर भी नजर
एशिया के बाद मुस्लिमों की करीब 25 करोड़ की बड़ी आबादी अफ्रीकी देशों में है. इसमें अल्जीरिया, इथियोपिया, मिस्र, सियरा लिओन और लाइबेरिया जैसे देश शामिल हैं, जहां मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है.
सऊदी-यूएई खाड़ी देशों में अहम
मोदी सरकार आने के बाद भारत के सऊदी अरब, यूएई और अन्य खाड़ी देशों से रिश्ते काफी प्रगाढ़ हुए हैं. खुद पीएम मोदी ने कई बार इन देशों का दौरा किया है. इससे परेशान पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्रों का अलग गुट बनाने की फिराक में है. इसमें पाकिस्तान, तुर्की, अजरबैजान जैसे मुल्क शामिल हैं. सऊदी, यूएई जैसे देशों ने पाकिस्तान की खराब माली हालत और आतंकवाद से सरकार-सेना के रिश्ते देखते हुए धीरे-धीरे उससे दूरी बना ली है.
यूरोपीय देशों का दौरा अहम
इन 33 देशों की सूची में कई बड़े यूरोपीय देशों को शामिल करना भी एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. कश्मीर को लेकर यूरोपीय देशों की कम जानकारी और आतंकवाद के मुद्दे पर उनका उदासीन रवैया भारत के लिए चिंता का विषय रहा है. ऐसे में फ्रांस, जर्मनी, इटली-डेनमार्क और यूरोपीय संघ का दौरा भी काफी मायने रखता है.
दक्षिण एशिया देश बाद में संभव
भारत ने इस कूटनीतिक अभियान से भी दक्षिण एशियाई देशों को अलग रखा है, लेकिन आने वाला समय में इन देशों से भी वो संपर्क साध सकता है. इसमें करीब 17 करोड़ मुस्लिम आबादी वाला बांग्लादेश भी अहम है, जहां की अंतरिम सरकार तेजी से अपना रुख बदल रही है. भारत की कोशिश होगी कि बांग्लादेश में चुनाव के बाद अगली निर्वाचित सरकार आने के बाद रिश्तों में फिर से गर्मजोशी लाई जाए. चार करोड़ की मुस्लिम आबादी और पाकिस्तान से सीमा साझा करने वाले अफगानिस्तान से नजदीकी भारत ने पहले ही बढ़ा दी है. अफगानी विदेश मंत्री मुत्ताकी से एस. जयशंकर की फोन पर वार्ता,तालिबान के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा राजनयिक संपर्क है. भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों में दुनिया की एक तिहाई मुस्लिम आबादी रहती है.
सुरक्षा परिषद के अस्थायी देशों से संपर्क
भारतीय प्रतिनिधिमंडल जिन देशों का दौरा कर रहा है, इसमें अल्जीरिया, डेनमार्क, गुयाना, पनामा, दक्षिण कोरिया, सियरा लियोन अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य हैं. जबकि अमेरिका, फ्रांस और रूस स्थायी सदस्य देश हैं. ऐसे में ये यात्रा संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की आगे की कोई भी चाल नाकाम करने के लिए दूरगामी साबित होगी.