मानवरहित लड़ाकू विमान में होगा स्वदेशी कावेरी इंजन का इस्तेमाल
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मानवरहित लड़ाकू विमान में होगा स्वदेशी कावेरी इंजन का इस्तेमाल

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि स्वदेश विकसित कावेरी इंजन का इस्तेमाल भारतीय मानवरहित लड़ाकू विमान में किया जायेगा। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में पर्रिकर ने कहा कि अभी तक कावेरी इंजन के विकास के लिए कुल खर्च 2,101 करोड़ रपये का हुआ है।

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि स्वदेश विकसित कावेरी इंजन का इस्तेमाल भारतीय मानवरहित लड़ाकू विमान में किया जायेगा। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में पर्रिकर ने कहा कि अभी तक कावेरी इंजन के विकास के लिए कुल खर्च 2,101 करोड़ रपये का हुआ है।

उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा विकसित एरो इंजन हल्के लड़ाकू विमान को जररी उर्जा देने में विफल रहा था। इसलिए भारतीय मानवरहित लड़ाकू विमान को उर्जा देने के लिए ‘कावेरी डेरिवटिव इंजन’ (‘ड्राय’ इंजन) का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है।

कावेरी इंजन को विकसित करने की परियोजना को वर्ष 1989 में मंजूरी दी गई थी जिसके संभावित पूरा होने का समय वर्ष 1996 था जिसे बाद में वर्ष 2009 तक के लिए बढ़ाया गया। सरकार ने आगे लागत सीलिंग के भीतर ही इसे जारी रखने को मंजूरी दी थी।

पर्रिकर ने कहा कि निर्धारित समयसीमा के भीतर परियोजना के पूरा नहीं होने का मुख्य कारण प्रौद्योगिकीय कठिनाइयां थीं जो इंजन प्रणाली की जटिलताओं, कच्चे माल, महत्वपूर्ण अवयवों की अनुपलब्धता, आधारभूत ढांचे की कमी, देश में विनिर्माण एवं परीक्षण सुविधाओं की कमी के कारण आई।

 

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