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ताबूत पर इंडिगो ने लिखा-बहुत ज्यादा भारी, लोगों ने लगाई क्लास, एयरलाइंस में क्या हैं नियम?

DNA Analysis: तिरंगे का अपमान, देश के स्वाभिमान पर आघात है और ये खबर इंसानियत पर आघात करने वाली है. या ये कहें कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली है. देश की एक बड़ी एयरलाइन कंपनी ने एक पार्थिव शरीर का घोर अनादर किया है.

 

ताबूत पर इंडिगो ने लिखा-बहुत ज्यादा भारी, लोगों ने लगाई क्लास, एयरलाइंस में क्या हैं नियम?

DNA: इंडिगो का हवाई जहाज दिल्ली से पटना जा रहा था. उसमें एक ताबूत में शव रखा था. कॉफिन के ऊपर एयरलाइन कंपनी के अधिकारियों ने जो लिखा, उसको लेकर लोगों में आक्रोश है. लोग इसे एक मृत शरीर का तिरस्कार भी कह रहे हैं. आखिर उस ताबूत पर ऐसा क्या लिखा गया था?

 

क्या है मामला?
इंडिगो एयरलाइन की एक फ्लाइट में कॉफिन बुक किया गया था. शिपमेंट में पासपोर्ट और बाकी दस्तावेज संलग्न थे. मगर उस कॉफिन के ऊपर एयरलाइन ने कुछ ऐसे शब्द भी लिखे थे, जिस पर आपत्ति जताई जा रही है. कॉफिन के ऊपर लिखा है कि ये मानव अवशेष है. मगर उसके ठीक ऊपर एक हाथी का एनिमेटेड स्टिकर लगाया गया. उसके ठीक नीचे लिखा है एक्सट्रीम हैवी यानी बहुत भारी. उसके नीचे लिखा है सौ किलो से ऊपर. ये, एयरलाइन कंपनी की संवेदनहीनता है. एक पार्थिव शरीर का अपमान है. शवों के ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी एक एजेंसी ने इसे भावनाएं आहत करने वाला अपराध करार दिया.

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पार्थिव शरीर को फ्लाइट में कैसे ले जाया जाता है?
आपको यहां ये भी बताना चाहेंगे कि पार्थिव शरीर को फ्लाइट में ले जाने के दो तरीके हैं. कुछ लोग अपने परिजन के मृत शरीर को ताबूत में रखकर ले जाते हैं. कुछ लोग उनके जले हुए अवशेषों को अस्थि कलश में रखकर ले जाते हैं. दोनों मामलों में कुछ डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है. पार्थिव शरीर को फ्लाइट में कार्गो यानी माल ढुलाई सर्विस के रूप में लेकर जाया जाता है. यानी जैसे फ्लाइट में अन्य सामान भेजे जाते हैं, उसी तरह शव को भी ताबूत में पैक करके भेजा जाता है.

 

पार्थिव शरीर को फ्लाइट में ले जाने पर कितना चार्ज लगता है?
पार्थिव शरीर को फ्लाइट से भेजने पर एयरलाइन्स कई प्रकार के चार्ज वसूलती हैं. शिपमेंट के वजन और उड़ान की दूरी से एयरलाइन का कार्गो चार्ज तय किया जाता है. दिल्ली से पटना तक एक पार्थिव शरीर भेजने के लिए अनुमानित खर्च करीब 25 से 50 हजार रूपये तक है. इतना चार्ज वसूलने के बावजूद मृत शरीर को अपमानित किया जाता है. एयरलाइन्स की इस असंवेदनशीलता पर लोग नाराज होते हैं.

 

कुछ और संकेत हो सकते थे
हमारे यहां शत्रुओं के मृत शरीर को भी उचित सम्मान देने की परंपरा रही है. लेकिन दिल्ली से पटना जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट में जो हुआ, उसे निकृष्ठता की श्रेणी में रखा जा रहा है. एक मिनट के लिए हम मान लेते हैं कि हाथी का स्टिकर कर्मचारियों को यह संकेत देने के लिए है कि वे अपनी पीठ को नुकसान पहुंचाए बिना कॉफिन को सावधानी से उठाएं. मगर उस पार्थिव शरीर के सम्मान में उस स्टिकर के बदले कुछ और संकेत हो सकते थे. कुछ और शब्द हो सकते थे.

 

ऐसे हो सकता है सुधार
भले ही हर कार्गो पर गंतव्य, नंबर और वजन लिखने का नियम हो. लेकिन एविएशन एथिक्स के मुताबिक वजन का टैग या स्टिकर कार्गो के दस्तावेज या ट्रॉली पर होना चाहिए, न कि कॉफिन या शरीर पर सीधे लिखा हुआ. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी की गाइडलाइंस के मुताबिक "मानव अवशेषों के साथ अत्यंत सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए. परिवहन के लिए सभी चिह्न केवल बाहरी पैकेजिंग या दस्तावेज़ों पर ही होंगे."

 

पार्थिव शरीर का अपमान
इसका अर्थ ये हुआ कि कॉफिन के ऊपर वजन लिखना नियम विरुद्ध है. दिल्ली से पटना पहुंची फ्लाइट के कॉफिन पर सीधे-सीधे वजन तो नहीं लिखा हुआ है, मगर जिस तरह बहुत भारी और 100 किलो से अधिक जैसे शब्द लिखे हैं. जिस तरह कॉफिन पर हाथी के स्टिकर चिपकाए गए हैं. ये मानवीय दृष्टि से बहुत ही अधिक असंवेदनशील है. ये पार्थिव शरीर के साथ अपमान की श्रेणी में आता है.

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Reetika Singh

रीतिका सिंह
ज़ी न्यूज में असिस्टेंट मल्टीमीडिया प्रोड्यूसर. हेल्थ और लाइफस्टाइल में ट्रेंडी और एक्सप्लेनर खबरें लिखती हैं. शुरुआत डिजिटल वीडियो प्रोडक्शन से की. ग्राउंड रिपोर्टिंग, एक्सप्लेनर...और पढ़ें

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