भारत-चीन के बीच आज होगी 13वें दौर की बातचीत, क्या निकलेगा कोई हल?
Advertisement

भारत-चीन के बीच आज होगी 13वें दौर की बातचीत, क्या निकलेगा कोई हल?

भारत (India) और चीन (China) के बीच कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की चर्चा 10 अक्टूबर को चीनी बॉर्डर मीटिंग प्वाइंट मोल्डो (Moldo) में सुबह 10.30 पर शुरू होने की संभावना है. इसके लिए दोनों पक्ष अपनी तैयारी कर रहे हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारत (India) और चीन (China) के बीच कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की चर्चा 10 अक्टूबर को चीनी बॉर्डर मीटिंग प्वाइंट मोल्डो (Moldo) में सुबह 10.30 पर शुरू होने की संभावना है. इससे पहले भारत और चीनी कोर कमांडर 31 जुलाई को हुई थी, जिसमें गोगरा और हॉट स्प्रिंग से सैनिकों की वापसी पर सहमति बन गई थी. लेकिन इस बार की चर्चा से पहले चीन ने घुसपैठ और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश कर माहौल को गरमा दिया है. 

  1. बाराहोती- अरुणाचल में घुस आए थे चीनी सैनिक
  2. चीनी मीडिया ने निकाली झुंझलाहट
  3. चीन ने सर्दियों के लिए शुरू की तैयारियां

बाराहोती- अरुणाचल में घुस आए थे चीनी सैनिक

दोनों कमांडरों की चर्चा से पहले ही चीनी सैनिकों (PLA) ने दो बार भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की है. सितंबर में उत्तराखंड के बाराहोती में लगभग 100 चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की, जिसे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने नाकाम कर दिया. पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी घुसपैठ की घटना ज्यादा गंभीर है. 

सूत्रों के मुताबिक लगभग 200 चीनी सैनिकों (PLA) ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की और इसके बाद भारतीय सैनिकों से उनका आमना-सामना हुआ. खबरों के अनुसार भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को कई घंटों तक रोक कर रखा, जिन्हें बाद में सीनियर अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद छोड़ा गया. 

चीनी मीडिया ने निकाली झुंझलाहट

भारतीय मीडिया में इस खबर के आने के बाद 9 अक्टूबर को चीन (China) के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पिछले साल जून में लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प की कई फोटो रिलीज़ की गईं. इन फोटोग्राफ्स में भारतीय सैनिकों को चीनी सैनिकों के सामने बंदी बना दिखाया गया है. जाहिर है कि चीन अपनी खीझ उतारने के साथ-साथ बैठक से ठीक पहले भारतीय पक्ष पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. इसका असर 10 अक्टूबर को होने वाली चर्चा पर पड़ना तय है. 

भारत और चीन के सैनिक 5 मई 2020 से लद्दाख में अब तक के सबसे बड़े सैनिक तनाव के चलते आमने-सामने हैं. फरवरी में पेंगांग झील के दक्षिणी किनारे से सैनिकों की वापसी होने के बाद उम्मीद थी कि इस साल सर्दियां शुरू होने से पहले विवाद सुलझ जाएगा. लेकिन गोगरा और हॉट स्प्रिंग के अलावा किसी दूसरी जगह से सैनिकों की वापसी पर कोई सहमति नहीं बन पाई है. 

चीन ने सर्दियों के लिए शुरू की तैयारियां

इस बीच चीन (China) ने इस साल की सर्दियों की भी तैयारी शुरू कर दी है और सीमा के पास सैनिकों के लिए नए ठिकाने बनाने शुरू कर दिए हैं. भारतीय सेना भी सर्दियों में सीमा पर डटे रहने की तैयारी कर रही है. हालांकि भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने चीन की नई तैयारी पर चिंता जताई है. 

भारत और चीन (India-China Face Off) के बीच लद्दाख में डेपसांग मैदान और डेमचौक जैसे कई विवाद हैं, जिनपर चर्चा होनी है. भारत ने ये भी कहा है कि लद्दाख में सैनिकों की वापसी को बाकी सीमा विवाद से अलग रखा जाए. भारत और चीन के बीच लगभग साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी सीमा यानि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल है, जिसपर दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है. 

ये भी पढ़ें- Exclusive: भारतीय इलाकों में चीन के मोबाइल नेटवर्क की घुसपैठ, सेना की आखिरी पोस्ट पर ऐसे हैं हालात

कई इलाकों में बना हुआ है तनाव

चीन (China) लद्दाख के बड़े हिस्से के अलावा हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों पर अपना दावा जताता है. दोनों देशों के सैनिक गश्त लगाते हुए कई बार आमने-सामने आ जाते हैं और टकराव की स्थिति पैदा होती है. हालांकि ऐसी स्थितियों को दोनों देशों के बीच तय व्यवस्था के मुताबिक सुलझाया जाता है ताकि मामला और न बिगड़े.

LIVE TV

Trending news