जब भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट में मचाया था विध्वंस, तबाह हो गई थी पाकिस्तानी सेना, कई दिनों तक उठी थीं आग की लपटें
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जब भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट में मचाया था विध्वंस, तबाह हो गई थी पाकिस्तानी सेना, कई दिनों तक उठी थीं आग की लपटें

Indian Navy Operation Trident: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान भारत की ओर से कार्रवाई को लेकर डरा हुआ है. बता दें कि इससे पहले भारतीय नौसेना कराची पोर्ट में विध्वसं मचा चुकी है. 

 

जब भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट में मचाया था विध्वंस, तबाह हो गई थी पाकिस्तानी सेना, कई दिनों तक उठी थीं आग की लपटें

Operation Trident: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. वहीं पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत ही जल्द ही उसपर हमला करने वाला है. अंदेशा तो यह भी जताया जा रहा है कि पाकिस्तान का कराची पोर्ट भारत के निशाने पर है. इसके लिए भारतीय नौसने पूरी तरह तैयार है. खैर भारतीय सेना वैसे भी हर घड़ी हर मुसीबत के लिए तैयार रहती है. बता दें कि भारतीय नौसे ने साल 1971 में कराची बंदरगाह ( Karachi Port) पर हमला किया था.  

कराची पोर्ट का किया विध्वंस 
3 दिसंबर साल 1971 को पाकिस्तान ने भारत के 9 एयरपोर्ट पर हमला किया था. इसके बाद 4 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ट्राइडेंट शुरू किया गया. इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान की समुद्री ताकत को बुरी तरह से तबाह कर दिया था. कराची पोर्ट का विध्वंस करने के लिए भारत की ओर से 25वीं मिसाइल बोट स्क्वाड्रन का निर्माण किया गया. इस 'किलर स्क्वाड्रन' में INS निपात, INS निर्घाट, 2 पेट्या क्लास एस्कॉर्ट जहाज और INS वीर शामिल थी. कमांडर बाबरूलभान यादव इस स्क्वाड्रन को लीड कर रहे थे, जिन्होंमे 112 किलोमीटर की दूरी से कराची पर हमला किया था. 

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ऑइल रिफायनरी को लगाया आग 
INS निर्घाट ने पाकिस्तान के PNS खैबर युद्धपोत को नष्ट किया था. INS वीर ने PNS मुहाफिज को तबाह किया और  INS निपात की ओर से हथियारों से भरे व्यापारी जहाज MV वीनस चैलेंजर को डुबो दिया. INS निपात की स्टाइल्स मिसाइलों ने केमारी की ऑइल रिफायनरी को आग में झोंक दिया था. इसके बाद 8 दिसंबर को हुए ऑपरेशन पायथन में त्रिशूल, INS विनाश और तलवार ने PNS ढाका को डुबोया, MV गल्फ और MV हरमटन को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त किया और केमारी में वापस आग लगाई. 

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पाकिस्तान को किया अलग-थलग
पाकिस्तान को इन दोनों ऑपरेशन से पूरे 3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था. उसके एयरफोर्स के लिए ऑयल की आपूर्ति बंद पड़ चुकी थी. उसकी समुद्री संचार लाइनों को काट दिया गया था और उसे कराची के रास्ते US से मिलने वाले हथियारों की आपूर्ति भी रोक दी गई थी. भारत की इस जीत में पहली बार जहाज रोधी मिसाइलों का उपयोग किया गया था. ये दिन इंडियन नेवी के लिए इतना गौरवशाली था कि इसे और यादगार बनाने के लिए हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाने लगे.

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