...तो इस वजह से खत्म हुई थी सिंधु घाटी सभ्यता, आप भी जानें
आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने शोध में दावा किया है कि 900 साल तक सूखा झेलने के कारण ही सिंधु घाटी सभ्यता का पतन हुआ.
नई दिल्ली : दुनिया की सबसे पुरानी नदी घाटी सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता कैसे समाप्त हुई, इसे लेकर वैज्ञानिक बिरादरी अलग-अलग मत रखती है. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि सिंधु घाटी सभ्यता के समाप्त होने का कारण बाढ़ थी तो कुछ का मानना है उस समय जलवायु परिवर्तन भी इस नदी घाटी सभ्यता के समाप्त होने का कारण था. कुछ वैज्ञानिक इस नतीजे पर भी पहुंचे थे कि सिंधु घाटी सभ्यता के समाप्त होने का कारण सूखा था. हालांकि वे सूखे के समय को लेकर संशय में थे. लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने दावा किया है सिंधु घाटी सभ्यता सूखे के कारण ही समाप्त हुई थी.
विख्यात जर्नल क्वार्टरनरी इंटरनेशनल में प्रकाशित उनके शोध के अनुसार 4,350 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के समाप्त होने के पीछे 900 साल का सूखा था. अभी तक कुछ थ्योरी बताती थीं कि यह सूखा करीब 200 साल रहा था. लेकिन इस नए शोध ने इस थ्योरी को गलत साबित कर दिया है. आईआईटी खड़गपुर के जियोलॉजी और जियोफिजिक्स विभाग के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पिछले 5000 वर्षों के दौरान मानसून में आए बदलावों का अध्ययन किया. इसमें उन्होंने पाया कि उत्तर-पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में वर्षा 900 वर्षों तक ना के बराबर हुई. इससे सिंधु घाटी सभ्यता को जीवन देने वाली नदियों के स्रोत सूख गए. इन्हीं नदियों के आसपास के इलाकों में सिंधु घाटी सभ्यता की बसावट थी.
इस समस्या को देखते हुए वहां के कुछ लोग पूर्व और दक्षिण के क्षेत्रों की ओर पलायन कर गए. क्योंकि इन क्षेत्रों में वर्षा की स्थिति काफी अच्छी थी. आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने लेह-लद्दाख की त्यो मोरिरी झील पर पिछले 5,000 साल तक पड़े मानसून के असर का भी अध्ययन किया. इस दौरान इस क्षेत्र में शोधकर्ताओं ने अच्छे मानसून का दौर और खराब मानसून के दौर को चिह्नित किया.
आईआईटी खड़गपुर के जियोलॉजी विभाग में सीनियर फैकल्टी और इस शोध टीम के प्रमुख अनिल कुमार गुप्ता के अनुसार इस शोध से पता चला है कि 2,350 ईसा पूर्व (4,350 साल पहले) से लेकर 1,450 ईसा पूर्व तक जहां सभ्यता की बसावट थी वहां मानसून लगातार कमजोर पड़ता गया. इसके कारण वहां भयंकर सूखे की स्थिति उत्पन्न होने लगी. इस सूखे के कारण सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों को घाटी छोड़नी पड़ी और वे हरियाली वाले क्षेत्रों की ओर पलायन करने को मजबूर हुए. ये लोग मुख्यरूप में पूर्व-मध्य उत्तर प्रदेश, पूर्व में बिहार और पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, विध्यांचल के दक्षिणी हिस्से और दक्षिण गुजरात की ओर पलायन करने लगे.