INS Mahendragiri: समंदर में भारत पहले से ज्यादा ताकतवर होने वाला है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एक सितंबर को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स द्वारा विकसित भारतीय नौसेना का नया युद्धपोत महेंद्रगिरि मुंबई में लॉन्च किया जाएगा. यह उन्नत स्टील्थ सुविधाओं, उन्नत हथियारों, सेंसर और प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणालियों से लैस है. महेंद्रगिरि तकनीकी रूप से उन्नत है और यह स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के भविष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए अपनी समृद्ध नौसैनिक विरासत को अपनाने के भारत के दृढ़ संकल्प के प्रतीक के रूप में खड़ा है. भारतीय सुरक्षा बेड़े में इसके शामिल होने से चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ गई है. आइये आपको इसकी खासियत के बारे में बताते हैं..


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महेंद्रगिरि के बारे में सब कुछ


-नौसेना का युद्धपोत, महेंद्रगिरि, प्रोजेक्ट 17ए के तहत सातवां और आखिरी स्टील्थ फ्रिगेट है. इसे मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएसएल) में विकसित किया गया है.


-जबकि परियोजना 17ए के तहत चार युद्धपोत मुंबई के मझगांव में बनाए गए थे, शेष तीन पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) में विकसित किए गए थे.


-प्रोजेक्ट 17ए के तहत पहले छह जहाज 2019 और 2023 के बीच लॉन्च किए गए हैं.


-प्रोजेक्ट 17ए के तहत सभी सात युद्धपोतों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है.


-'महेंद्रगिरि' युद्धपोत को बेहतर स्टील्थ सुविधाओं, उन्नत हथियारों और सेंसर और प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणालियों के साथ शामिल किया गया है.


-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' आह्वान का पालन करते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) सहित स्वदेशी फर्मों से लगभग 75 प्रतिशत युद्धपोत उपकरणों का ऑर्डर दिया गया है.


-महेंद्रगिरि उड़ीसा में स्थित एक पर्वत शिखर है और भारतीय नौसेना ने अपने युद्धपोत के लिए इस नाम को अपनाया है.


-इससे पहले 17 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता में प्रोजेक्ट 17ए के छठे युद्धपोत विंध्यगिरि को हरी झंडी दी थी.



INS महेंद्रगिरी के लॉन्च समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे. उपराष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़ 1 सितंबर (शुक्रवार) को मुंबई के मझगांव डॉक पर देश के नवीनतम युद्धपोत महेंद्रगिरी का शुभारंभ करेंगी. गौरतलब है कि प्रोजेक्ट 17ए के तहत सातवें युद्धपोत का प्रक्षेपण ऐसे समय में हुआ है जब चीन हिंद महासागर में अपनी हनक बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)