फ्रांस (France) में इस्लाम के नाम पर लोगों की हो रही हत्याओं पर 'बुद्धिजीवियों' (Intellectuals) ने आलोचना की है.
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नई दिल्ली: फ्रांस (France) में इस्लाम के नाम पर लोगों की हो रही हत्याओं पर 'बुद्धिजीवियों' (Intellectuals) ने आलोचना की है. करीब 100 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने पत्र जारी कर फ्रांस में हो रही हत्याओं पर दुख जताया है.
हम कट्टरपंथी नेताओं के बयानों से डिस्टर्ब: बुद्धिजीवी
बुद्धिजीवियों ने कहा कि वे बिना किसी शर्त और भेदभाव के फ्रांस में हो रहे हमलों की कड़ी निंदा करते हैं. बुद्धिजीवियों ने कहा,'हम कुछ स्व-घोषित मुस्लिम नेताओं के बयानों से डिस्टर्ब हैं. इन मुस्लिम नेताओं ने कट्टरपंथी बयान जारी करते हुए लोगों के मर्डर के वकालत की और कई विदेशी नेताओं के कट्टर विचारों का समर्थन किया.'
'कोई मजहब हिंसा को बढ़ावा नहीं देता'
अपने बयान में बुद्धिजीवियों ने कहा,'हम दूसरे अपराध को सही ठहराने के लिए दूसरे के अपराध को कारण बताने के तर्क को स्वीकार नहीं करते. दो गलत कार्य मिलकर कही सही नहीं हो सकते. हम मजहब के नाम पर किसी भी हिंसा की आलोचना करते हैं. कोई भी मजहब, संत, पैगंबर या देवी-देवता हिंसा की वकालत नहीं करते'
'हम फ्रांसीसी मुसलमानों के साथ'
बुद्धिजीवियों ने फ्रांस के मुसलमानों के प्रति अपना समर्थन जताते हुए कहा, 'हम 'French Council for the Muslim Faith' के प्रति मजबूती से अपना समर्थन जताते हैं. हम उनसे अपील करते हैं कि पैगंबर मोहम्मद से जुड़े सभी सेलिब्रेशन रद्द कर दें और फ्रांस की जनता के दुख में शामिल हों.'
'इन हस्तियों ने लिखा पत्र'
पत्र लिखने वालों में लेखक-निर्देशक दानिश जावेद, थियेटर कलाकार मल्लिक साराभाई, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, जेएनयू की रिटायर्ड प्रोफेसर मृदुला मुखर्जी, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, गीतकार जावेद अख्तर, वकील प्रशांत भूषण, लेखक तुषार गांधी, अभिनेत्री शबाना आजमी, स्वरा भास्कर, जीशान अयूब, लेखक निर्देशक फिरोज अब्बास खान, निर्देशक कबीर खान, स्क्रीन राइटर अंजुम राजाबलि, डॉक्यूमेंट्री निर्माता आनंद पटवर्धन, रिटायर्ड आईपीएस जूलियो एफ रिबेरो और उद्योगपति अब्दुल अजीज लोखंडवाला समेत कई चर्चित हस्ती शामिल रहे.
फ्रांस में इस्लाम के नाम पर 4 लोगों की हत्या
बता दें कि फ्रांस में इस्लाम के नाम पर दो अलग-अलग जगह हुई घटनाओं नें चाकू मारकर 4 लोगों का मर्डर किया जुका है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रां ने इन हमलों को इस्लामिक टेरर अटैक बताया है. भारत समेत दुनिया के कई मुस्लिम देशों के मुसलमान मैक्रां की इस टिप्पणी का विरोध करते हुए इन हत्याओं को जायज ठहराने में लगे हैं.
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