Trending Photos
हैदराबाद : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आज कहा कि आंतरिक सुरक्षा का प्रबंधन देश के लिए एक प्रमुख चुनौती बनने जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस बल से कहा कि अदृश्य दुश्मन के साथ ‘चौथी पीढ़ी’ की जंग में मुकाबला करने के लिए उन्हें प्रशिक्षित और सुसज्जित होना चाहिए।
डोभाल ने कहा कि अपनी आतंरिक सुरक्षा का प्रबंधन किए बिना भारत एक शक्तिशाली और महान देश नहीं बन सकता। वह यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में 2014 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के 67 अधिकारियों की पासिंग आउट परेड के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘जब आप संभवत: 35-37 साल बाद अवकाश ग्रहण करेंगे, उस समय पूरी तरह से नया भारत होगा। यह ऐसा भारत होगा जो वैश्विक ताकत होगा और यह बड़ा और महान भारत होगा जिसके सामने बड़ी आर्थिक चुनौतियां होंगी, बड़े आर्थिक अवसर होंगे और जिसकी काफी अधिक आबादी, अधिक अवसर और अधिक समस्याएं होंगी।’
उन्होंने कहा कि भारत को आंतरिक सुरक्षा संबंधी अधिक चुनौतियों का सामना करना होगा। ‘आप एक महान शक्तिशाली देश नहीं बन सकते अगर आप अपनी आंतरिक सुरक्षा का प्रबंधन नहीं कर सकते। सिर्फ पुलिसकर्मी ही इस लड़ाई को लड़ सकते हैं और जीत सकते हैं। अपने आप को बौद्धिक रूप से, भावनात्मक रूप से और आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली बनाने के लिए खुद को प्रशिक्षित करिए, जहां तक आप कर सकते हैं।’
डोभाल ने कहा कि आपको प्रौद्योगिकी की विशेषज्ञता हासिल करनी होगी। अगर आप चौथी पीढ़ी की जंग लड़ना और जीतना चाहते हैं तो आपको मजबूत होना होगा। इस क्रम में उन्होंने संगठित अपराध, आतंकवाद, उग्रवाद या आंतरिक मामले में विदेशी ताकतों द्वारा हस्तक्षेप का प्रयास आदि का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अपराधों का पता लगाना, संगठित अपराध, सीमाओं का प्रबंधन, साइबर सुरक्षा, बैंकिंग धोखाधड़ी आदि ऐसी चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए काफी ज्ञान और कौशल की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘अब यह एक पुलिसकर्मी का युद्ध है, क्योंकि सिविल सोसाइटी सबसे ज्यादा प्रभावित है। अगर आप जीतते हैं तो देश जीतता है। कई देश आंतरिक सुरक्षा की समस्याओं के साथ धराशायी हो रहे हैं। सिर्फ पुलिस ही लड़ाई लड़ सकती है और जीत सकती है।’ डोभाल ने कहा कि युद्ध के बाद 37 देश नाकाम रहे या वे खुद ही कमजोर हो गए। उनमें से सिर्फ नौ देशों में ही बाहरी हमला कारण था जबकि 28 खुद ही कमजोर हुए या नाकाम रहे क्योंकि वे अपनी आंतरिक सुरक्षा का प्रबंधन नहीं कर सके।