नई दिल्लीः आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कार्ति चिदम्बरम के न्यायिक हिरासत की अवधि को गुरुवार (15 मार्च) को 28 मार्च तक के लिये बढ़ा दी है. कोर्ट ने इसके साथ ही धन शोधन रोकथाम कानून की धारा 19 की व्याख्या को लेकर विभिन्न हाईकोर्ट की परस्पर विरोधी व्याख्या को देखते हुये दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित मामला अपने यहां मंगा लिया है. यह धारा धन शोधन के मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने के प्रवर्तन निदेशालय के अधिकार से संबंधित है.


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प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि इस मामले पर 26 मार्च को सुनवाई की जायेगी और सुप्रीम कोर्ट धारा 19 की व्याख्या के बारे में अपनी सुविचारित व्यवस्था देगी. सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदम्बरम को इस मामले में न्यायिक हिरासत की अवधि 20 मार्च से बढाकर 22 मार्च करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के चंद घंटों के भीतर ही यह आदेश दिया.


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पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में केन्द्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में अभी तिहाड जेल में बंद हैं. कार्ति की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील दया कृष्णन ने न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की स्थिति में अदालत से जमानत याचिका पर सुनवाई करने की मांग की थी. उन्होंने एक और याचिका देकर कार्ति को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की स्थिति में जेल के अंदर अलग कोठरी की मांग करते हुए कहा कि 'वह पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री के बेटे हैं और उनके (पी. चिदंबरम) के कार्यकाल के दौरान कई आतंकवादियों पर अभियोजन चला था और कार्ति के लिए स्पष्ट रूप से खतरा है.'