स्मृति ईरानी तो गलती से भी सच नहीं बोलतीं : रमेश
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स्मृति ईरानी तो गलती से भी सच नहीं बोलतीं : रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने मंगलवार को पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अमेठी में 65 एकड़ जमीन हड़पने के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए यह इल्जाम लगाने वाली केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को आड़े हाथ लिया।

लखनऊ : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने मंगलवार को पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अमेठी में 65 एकड़ जमीन हड़पने के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए यह इल्जाम लगाने वाली केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को आड़े हाथ लिया।

रमेश ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘स्मृति ईरानी तो गलती से भी सच नहीं बोलतीं..वह राहुल जी पर जो आरोप लगा रही हैं, वे बिल्कुल बेबुनियाद हैं। वह जिस जमीन को हड़पे जाने की बात कर रही हैं वह उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुरूप नीलाम की गयी थी और वह सबसे उंची बोली लगाने वाले को दे दी गयी थी।’’ उन्होंने कहा ‘‘स्मृति ईरानी तो उनमें से हैं जो सिर्फ छह दिन के लिये गेल यूनीवर्सिटी गयी थीं और ट्विटर पर जानकारी दी कि उस विश्वविद्यालय ने उन्हें डिग्री दे दी है।’’ मालूम हो कि गत 23 अगस्त को अमेठी के दौरे पर आयीं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने एक रैली में राहुल गांधी पर सम्राट बाईसिकिल इण्डस्ट्री के लिये ली गयी जमीन को सस्ते दाम में राजीव गांधी ट्रस्ट के नाम लेकर हड़पने का आरोप लगाया था।

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए रमेश ने कहा कि वह ‘एक्शन गवर्नमेंट’ नहीं बल्कि ‘ऑक्शन गवर्नमेंट’ है, जिसने ना सिर्फ कोयला और खनिज, बल्कि प्रधानमंत्री का कोट भी नीलाम कर दिया है।

उन्होंने कहा ‘‘यहां तक कि प्रधानमंत्री ने बिहार के लिये आर्थिक पैकेज की घोषणा भी नीलामी के अंदाज में की।’’

सांसद असदउद्दीन ओवैसी तथा उनकी पार्टी आईआईएमआईएम को भाजपा का वरदहस्त प्राप्त होने सम्बन्धी कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के बयान पर रमेश ने कहा कि भाजपा ने बिहार को दो चेहरों में बांटने की रणनीति बनायी है। उन्होंने कहा कि पहला चेहरा यह है कि विकास और आर्थिक पैकेज की बात की जाए और प्रधानमंत्री मोदी खुद को तरक्की के मसीहा के तौर पर पेश करें, जबकि साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की मोर्चाबंदी उसकी रणनीति का दूसरा चेहरा है।

रमेश ने कहा ‘‘भाजपा जमीनी स्तर पर ध्रुवीकरण को हवा देने की हर सम्भव कोशिश करेगी। जैसा कि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि बिहार विधानसभा के चुनाव मोदी सरकार के लिये जनमत संग्रह साबित होंगे।’’ उन्होंने कहा ‘‘मैं बिहार में अनेक जगहों पर गया और देखा कि बाहर से तो विकास और पैकेज की बात की जा रही है लेकिन जमीनी स्तर पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है। इसमें भाजपा हर उस व्यक्ति की मदद लेगी, जिनकी मदद वह नफरत फैलाने के लिये करती रही है।’’ राजनीतिक दलों को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के दायरे में लाये जाने के मुद्दे पर कांग्रेस नेता ने इसके प्रति असहमति जताते हुए कहा कि यह कानून लोगों को ब्लैकमेल करने का जरिया बनता जा रहा है।

उन्होंने कहा ‘‘आरटीआई को कमजोर करने की कोई जरूरत नहीं है। चूंकि यह एक महत्वपूर्ण कानून है और उसे ठीक ढंग से लागू किया जाना चाहिये, इसलिये इसका गलत इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिये।’’

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