Ajit Pawar and Sharad Pawar: क्‍या महाराष्‍ट्र की सियासत में चाचा-भतीजा एक बार फिर साथ आ सकते हैं?
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Ajit Pawar and Sharad Pawar: क्‍या महाराष्‍ट्र की सियासत में चाचा-भतीजा एक बार फिर साथ आ सकते हैं?

Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: पिछले साल एनसीपी के दो फाड़ होने के बाद से ही चाचा-भतीजा एक दूसरे के खिलाफ सियासी मोर्चा खोले हुए हैं. लोकसभा चुनाव में जहां बाजी शरद पवार के हाथों में लगी तो भतीजे ने विधानसभा चुनावों में चाचा को पटखनी दी. 

Ajit Pawar and Sharad Pawar: क्‍या महाराष्‍ट्र की सियासत में चाचा-भतीजा एक बार फिर साथ आ सकते हैं?

Maharashtra Politics: 12 दिसंबर को शरद पवार के जन्‍मदिन पर उनसे मिलने के लिए महाराष्‍ट्र के डिप्‍टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने पहुंचकर सबको चौंका दिया. पिछले साल एनसीपी के दो फाड़ होने के बाद से ही चाचा-भतीजा एक दूसरे के खिलाफ सियासी मोर्चा खोले हुए हैं. लोकसभा चुनाव में जहां बाजी शरद पवार के हाथों में लगी तो भतीजे ने विधानसभा चुनावों में चाचा को पटखनी दी. एक साल बाद दोनों नेताओं की हुई मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. इससे पहले पिछली दिवाली पर दोनों नेता साथ दिखे थे लेकिन अबकी बार त्‍योहार पर ऐसा देखने को नहीं मिला लेकिन अजित पवार ने जन्‍मदिन के मौके पर उनसे जाकर मुलाकात कर सियासी संदेश तो दे दिया है. 

इस पर महायुति के एक अन्‍य घटक दल शिवसेना के नेता संजय शिरसाट ने कहा, "राजनीति अलग और रिश्ते अलग चीज होती है. ऐसे में इस मुलाकात को राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए. हमारा मानना है कि सभी राजनीतिक पार्टियों में ऐसी मुलाकातें होनी चाहिए."

भविष्य में अजित पवार और शरद पवार के एक होने की संभावना पर शिवसेना नेता ने कहा, "अगर ऐसा होता है तो अच्छी बात ही है. अजित दादा के पास विधायक बल ज्यादा है और वह सत्ता में भी हैं. ऐसे में भविष्य में उनके एक होने की संभावना ज्यादा है."

महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार को लेकर शिवसेना नेता ने कहा, "देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे की गुरुवार शाम को बैठक होगी. इस मुलाकात के बाद ही तय होगा कि महाराष्ट्र में कौन-कौन मंत्री बनेगा." गृह मंत्रालय के बारे में उन्होंने कहा, "यह मंत्रालय अपना काम बखूबी निभाता आया है. देवेंद्र फडणवीस के पास सीएम पद भी है, ऐसे में सबका कंट्रोल उनके पास रहेगा और अच्छे से काम होगा."

एकनाथ शिंदे के दिल्ली नहीं जाने को लेकर शिरसाट ने कहा, "उनकी देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार से बात हो गई. वह सभी से संपर्क में हैं. ऐसे में अगर वह दिल्ली नहीं गए तो, महायुति में दरार आने वाली बात नहीं है."

महाराष्ट्र के परभणी में भड़की हिंसा को लेकर शिवसेना नेता शिरसाट ने कहा, "वहां पर जो घटना घटी, हम उसकी निंदा करते हैं. सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. हमारी लोगों से अपील है कि वे शांति बनाए रखें. प्रदेश में शांति बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है."

(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)

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