Iran Israel War: 'बोलने की आजादी है लेकिन...', सोनिया गांधी ने ऐसा क्या लिख दिया कि भड़क गया इजरायल
Advertisement
trendingNow12812077

Iran Israel War: 'बोलने की आजादी है लेकिन...', सोनिया गांधी ने ऐसा क्या लिख दिया कि भड़क गया इजरायल

Iran Israel War: इजरायल और ईरान जंग के बीच सोनिया गांधी चर्चा में आ गई है. इजरायल के राजदूत ने सोनिया गांधी के एक बयान को लेकर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए निंदी की  है.

Iran Israel War: 'बोलने की आजादी है लेकिन...', सोनिया गांधी ने ऐसा क्या लिख दिया कि भड़क गया इजरायल

Iran Israel War: भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने सीनियर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के ईरान के समर्थन में लिखे गए लेख पर रविवार को सख्त प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को क्षेत्रीय हालात की सही जानकारी होनी चाहिए. राजदूत अजार ने कहा,'हमें यह देखकर निराशा हुई कि जिस व्यक्ति का आपने जिक्र किया, उन्होंने 7 अक्टूबर (2023) के हमलों की उस तरह निंदा नहीं की, जैसी की जानी चाहिए थी. ईरान के जरिए पिछले तीन दशकों से की जा रही आक्रामकता को नजरअंदाज करना पूरी तरह अस्वीकार्य है.'

उन्होंने साफ किया कि विचारों की आजादी सभी को है लेकिन नेताओं को तथ्यों और वास्तविकता की बुनियाद पर बयान देना चाहिए. इजरायली राजदूत ने कहा,'यह साफ है कि इस पूरे घटनाक्रम में ईरान ही आक्रामक पक्ष रहा है. इजरायल को उस समय कार्रवाई करनी पड़ी, जब ईरान हमारे देश को नष्ट करने के हथियार हासिल करने की कगार पर था.'

ईरान जिम्मेदार रुख अपनाए

राजदूत ने यह भी साफ किया कि इजरायल और अमेरिका की हालिया सैन्य कार्रवाई ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को निशाना बनाने के लिए थी, जो क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जरिए ईरान के राष्ट्रपति से बातचीत कर तनाव कम करने और कूटनीति के रास्ते समाधान की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए अजार ने कहा,'अगर ईरान अन्य देशों को खत्म करने की कोशिश छोड़ दे, अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम खत्म कर दे और क्षेत्रीय आक्रामकता से पीछे हटे, तो कूटनीति के लिए अवश्य विकल्प है. हम चाहते हैं कि ईरान जिम्मेदार रुख अपनाए जिससे शांति और स्थिरता की बहाली हो सके.'

अमेरिका ने किया हमला

अमेरिका ने भारतीय समय के मुताबिक रविवार तड़के ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों- फोर्डो, इस्फहान और नतांज पर हमला कर उन्हें गंभीर नुकसान पहुंचाया है. हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित किया. ट्रंप ने बताया कि अमेरिका का मकसद ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को तबाह करना था. यूएस चाहता था कि ईरान के परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म किया जाए. ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि बीते 40 साल से ईरान, अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है. कई अमेरिकी इस नफरत का शिकार हुए हैं इसलिए उन्होंने तय किया है कि अब यह और नहीं चलेगा.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;