ISRO ने पीएम मोदी को सात सितंबर को चांद को देखने का न्‍यौता क्‍यों दिया?
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ISRO ने पीएम मोदी को सात सितंबर को चांद को देखने का न्‍यौता क्‍यों दिया?

अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने उस वक्‍त ऐतिहासिक सफलता हासिल की जब स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान-2 मंगलवार की सुबह चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया.

ISRO ने पीएम मोदी को सात सितंबर को चांद को देखने का न्‍यौता क्‍यों दिया?

नई दिल्‍ली: अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने उस वक्‍त ऐतिहासिक सफलता हासिल की जब स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान-2 मंगलवार की सुबह चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने मंगलवार सुबह 9:02 बजे चंद्रयान-2 के तरल रॉकेट इंजन को दागकर उसे चांद की कक्षा में पहुंचाने का अभियान पूरा किया. चंद्रयान-2 के चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद इसरो कक्षा के अंदर स्पेसक्रॉफ्ट की दिशा में चार बार (21, 28 और 30 अगस्त को तथा 1 सितंबर को) और परिवर्तन करेगा.

  1. चंद्रयान 2 ने चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया
  2. मंगलवार सुबह 9:02 बजे चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान 2
  3. 7 सितंबर को रात 1:55 बजे चंद्रमा पर उतरेगा

इसके बाद यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के ऊपर से गुजरकर उसके सबसे करीब 100 किलोमीटर की दूरी की अपने अंतिम कक्षा में पहुंच जाएगा. इसके बाद विक्रम लैंडर 2 सितंबर को चंद्रयान-2 से अलग होकर 7 सितंबर को रात 1:55 बजे चंद्रमा पर उतरेगा. अपनी कामयाबी से उत्‍साहित इसरो ने सात सितंबर को उस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया है.

इसरो चेयरमैन बोले, 'चंद्रयान-2 का सबसे जटिल दौर पूरा, 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा'

इसरो ने यह भी बताया कि चंद्रमा की सतह पर 7 सितंबर 2019 को लैंडर से उतरने से पहले धरती से दो कमांड दिए जाएंगे, ताकि लैंडर की गति और दिशा सुधारी जा सके और वह हल्के से सतह पर उतरे.

अंतरिक्ष में भारत की एक और बड़ी कामयाबी, चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-2

चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को धरती से अंतरिक्ष में रवाना किया गया था. इसका प्रक्षेपण देश के भारी वजन उठाने वाले रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्‍हीकल- मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) से किया गया था. इस स्पेसक्राफ्ट के तीन खंड हैं, जिसमें ऑर्बिटर (वजन 2,379 किलोग्राम, आठ पेलोड के साथ), लैंडर 'विक्रम' (1,471 किलोग्राम, चार पेलोड के साथ) और रोवर 'प्रज्ञान' 9 (वजन 27 किलोग्राम, दो पेलोड के साथ) शामिल हैं.

अंतिम 30 मिनट बेहद मुश्किल भरे थे...
भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 के चांद की कक्षा में प्रवेश करने के अंतिम 30 मिनट बहुत मुश्किल भरे थे. यह कहना है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के. सिवान का. इस महत्वपूर्ण चरण के तुरंत बाद सिवान ने बताया, "अभियान के अंतिम 30 मिनट बहुत मुश्किल भरे थे. घड़ी की सुई के आगे बढ़ने के साथ-साथ तनाव और चिंता बढ़ती गई. चंद्रयान-2 के चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करते ही अपार खुशी और राहत मिली."

यान के चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करने के बाद अधिकारियों ने उल्लेखनीय उपलब्धि पर एक-दूसरे को बधाइयां दीं. इसरो के एक अधिकारी के अनुसार, चंद्रयान-2 की 24 घंटे निगरानी की जा रही है. सिवान ने कहा कि भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान पर भी काम चल रहा है. इसके लिए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करने का काम जारी है.

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