ISRO Former Chief: कस्तूरीरंगन ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में अहम योगदान दिया. कस्तूरीरंगन 2003 से 2009 तक राज्यसभा सांसद रहे और योजना आयोग में भी शामिल थे.
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Kasturirangan passed away: भारत के दिग्गज अंतरिक्ष वैज्ञानिक रहे और ISRO के पूर्व अध्यक्ष डॉ कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन का शुक्रवार को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर सुबह करीब 10:30 बजे अंतिम सांस ली. उनके निधन से देश के वैज्ञानिक समुदाय और शिक्षा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है. उनका पार्थिव शरीर 27 अप्रैल को जनता के अंतिम दर्शन के लिए रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) में रखा जाएगा.
डॉ कस्तूरीरंगन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO के सबसे लंबे समय तक कार्यरत प्रमुखों में शामिल रहे. उन्होंने करीब 10 वर्षों तक इसरो के चेयरमैन के रूप में काम किया और इस दौरान भारत ने पीएसएलवी, जीएसएलवी और इनसैट-3 जैसे कई अहम मिशनों में सफलता हासिल की. उन्होंने INSAT-2, IRS-1C, 1D जैसे उपग्रहों के विकास और लॉन्चिंग में भी बड़ी भूमिका निभाई.
इसरो सैटेलाइट सेंटर के निदेशक थे
ISRO प्रमुख बनने से पहले वे इसरो सैटेलाइट सेंटर के निदेशक थे और देश की उपग्रह क्षमताओं को नई ऊंचाई पर पहुंचाया. उनके कार्यकाल में भारत ने अंतरिक्ष तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाए. इसके अलावा वह शिक्षा और नीति निर्माण में भी सक्रिय रहे. उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में अहम योगदान दिया.
राज्यसभा सांसद रहे
कस्तूरीरंगन 2003 से 2009 तक राज्यसभा सांसद रहे और योजना आयोग में भी शामिल थे. वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष जैसे पदों पर भी रहे. उनके योगदान को भारत हमेशा याद रखेगा.