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मार्च में चंद्रयान-2 भेजेगा भारत, चीन समेत अन्‍य देशों को देगा कड़ी टक्‍कर

इसरो साल 2021 के दिसंबर महीने में गगनयान मिशन के जरिये तीन लोगों को अंतरिक्ष में भेजेगा. यह देश का पहला मानव मिशन होगा.

इसरो प्रमुख के सिवन ने दी जानकारी. फोटो ANI
इसरो प्रमुख के सिवन ने दी जानकारी. फोटो ANI

नई दिल्‍ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो इस साल मार्च के आखिरी हफ्ते में चन्द्रमा की सतह पर चन्द्रयान-2 मिशन को अंजाम देगा. इसरो के चेयरमेन डॉ. के सिवन ने कहा है कि भारत का अतंरिक्ष कार्यक्रम बेहद एडवांस्‍ड है. इसरो चेयरमैन के मुताबिक भले ही चीन ने मानव मिशन पहले पूरा कर लिया हो लेकिन जब भारत 2021 में अतंरिक्ष में इंसान भेजेगा तो वो चीन के स्पेस टेक्‍नोलॉजी के बिलकुल बराबरी पर आ जाएगा.

बता दें कि इसरो साल 2021 के दिसंबर महीने में गगनयान मिशन के जरिये तीन लोगों को अंतरिक्ष में भेजेगा. यह देश का पहला मानव मिशन होगा और इस मिशन से पहले इससे जुड़ी तैयारियों को अच्छी तरह से जांच परख लेने के मकसद से दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 तक दो मानव रहित यान अतंरिक्ष में भेजे जाएंगे.

इसरो के चेयरमैन डॉ. के सिवन के मुताबिक “हम किसी भी मामले में चीन से पीछे नहीं हैं वो स्पेस में मानव मिशन का अभियान कर चुके हैं लेकिन जब हम सफलतापूर्वक गगनयान मिशन को पूरा कर लेंगे तो हम चीन के बिल्कुल बराबर हो जाएंगे.’’

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फाइल फोटो

गगनयान मिशन की बारीकियों को जांचने और परखने के लिए जिन दो मानवरहित मिशन किए जाएंगे, उसमें इसरो रोबोट भेजेगा. ये रोबोट इस बात की जांच करेंगे कि कहीं अंतरिक्ष यान में कोई खामी तो नहीं है. यही नहीं वो ये भी पता लगाएगा कि जब मानव युक्त अंतरिक्ष यान स्पेस में भेजे जाएंगे तो उसमें किसी तरह कि दिक्कत तो नहीं आएगी.

इसरो के सीनियर वैज्ञानिक विवेक सिंह के मुताबिक, ‘आज के युग में तकनीकी काफी एडवांस्‍ड हो चुकी है. पहले जब मानव स्पेस में भेजे गए तो उससे पहले अंतरिक्ष यान में जानवरों को रखा गया था, इसका मकसद ये था कि ये देखा जा सके कि अंतरिक्ष में जीवन के लिए क्या-क्या जरूरी है लेकिन अब ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है. अब हमारे पास रोबोट हैं उनमें सेंसर लगे हैं और वो ये पता कर सकते हैं कि अतंरिक्ष यान को किस चीज की जरूरत हैं’’

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ये साल इसरो के लिए काफी अहम है, जहां मार्च के आखिरी हफ्ते तक चंद्रयान-2 की लांचिंग होनी है. वहीं इस साल कुल 32 लांचिंग के कार्यक्रम हैं. इसमें 14 लांच व्‍हीकल और 18 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है. चन्द्रयान-2 को इस साल जनवरी के महीने में लांच किया जाना था लेकिन डिजाइन में कुछ बदलाव किए जाने से इसमें देरी लग रही है. नए डिजाइन में 600 किलोग्राम की बढोतरी की गई है.

इस महीने चीन का खोजी यान चेंग ई-4 (Chang’e-4) चन्‍द्रमा की दूसरी ओर उतरने में सफल हो गया है. चीनी वैज्ञानिकों का दावा है यह पहला अवसर है जब कोई यान चन्‍द्रमा की दूसरी ओर उतरा है. इस यान में वैज्ञानिक अनुसंधान और खोज के लिए उपकरण लगे हुए हैं. हालांकि चीन चन्‍द्रमा की सामने वाली सतह पर पृथ्‍वी से भेजे गए कई यान पहले ही उतार चुका है.

इसरो युवा प्रतिभाओं को अपने स्पेस कार्यक्रम से जोड़ना चाहता है और इसी मकसद को ध्यान में रखते हुए ‘संवाद विद स्टूडेंट’ नाम से एक नए प्रोगाम की शुरुआत की गई है इस कार्यक्रम के जरिये उन छात्र और छात्राओं को इसरो से जोड़ेगा जिनमें प्रतिभा है.

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