सिंगापुर : भारत सिंगापुर द्वारा निर्मित छह उपग्रहों को दिसंबर मध्य में पीएसएलवी-सी29 के जरिए प्रक्षेपित करेगा। इनमें 400 किलोग्राम का एक अंतरिक्षयान भी होगा, जो कि समुद्री एवं सीमा सुरक्षा से जुड़े निरीक्षण अभियानों के लिए समर्पित है।
द स्ट्रेट टाइम्स की खबर के अनुसार, ये छह उपग्रह आंध्रप्रदेश स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी-सी29 के जरिए 16 दिसंबर 2015 को प्रक्षेपित किए जाएंगे। इनमें 400 किलोग्राम का एक उपग्रह शामिल है, जो समुद्री एवं सीमा सुरक्षा से जुड़े हुए निरीक्षण अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है। ये उपग्रह जमीन से लगभग 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर पांच साल के लिए स्थापित किए जाने हैं।
लगभग चार साल पहले सिंगापुर ने अपना पहला स्वदेशी सूक्ष्म-उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किया था। वर्ष 2011 में फ्रिज के आकार के एक्स-सैट के प्रक्षेपण के बाद से छोटे आकार के उपग्रहों को नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) द्वारा प्रक्षेपित किया जाता रहा है। इस बार उपग्रहों का निर्माण रक्षा निर्माता सिंगापुर टेक्नोलॉजीज इलेक्ट्रॉनिक्स, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर और एनटीयू द्वारा किया जा रहा है।
एसटी इलेक्ट्रॉनिक्स कम्यूनिकेशन एंड सेंसर सिस्टम्स समूह के अध्यक्ष तांग कुम चुएन ने कहा कि 400 किलोग्राम का टीईएलईओएस-1 सिंगापुर में बना पहला और सबसे बड़ा व्यवसायिक पृथ्वी निरीक्षण उपग्रह है, जिसे अंतरिक्ष में कक्षा में स्थापित किया जाना है।
उपग्रह अपने साथ एक कैमरा ले जाएगा, जो कि जमीन पर एक मीटर तक के रेजोल्यूशन वाली तस्वीरें ले सकता है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज (एशिया) के कार्यकारी निदेशक डॉ टिप हक्सले ने कहा कि उपग्रह का यह आगामी प्रक्षेपण सिंगापुर के 20 साल पहले शुरू हुए अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक ‘महत्वपूर्ण कदम’ है।