'सिख विरोधी दंगों पर राजीव गांधी ने कहा था खून के बदले खून, जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो आवाज का होना स्वाभाविक है.'
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चंडीगढ़ः 1984 में भड़के सिख विरोधी दंगों पर 34 साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलट दिया है और कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. जिसके बाद कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने कहा कि 'यह एक ऐतिहासिक फैसला है. सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा ठीक है, लेकिन फांसी की सजा ही सिखों के साथ इंसाफ होगा. हजारों विधवाएं इस दिन के इंतजार में थीं, आज जाकर उन्हें इंसाफ मिला है.'
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हरसिमरत कौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहा कि 'मुझे आज भी याद है कि कैसे 1984 में खुलेआम हजारों सिखों को बेरहमी से मार दिया गया था. आज भी उस दिन को याद करती हूं तो मेरी रूह कांप जाती है. हर तरफ बच्चों की चीख थी, वह एक शब्द भी नहीं बोल पा रहे थे. सिख विरोधी दंगों पर राजीव गांधी ने कहा था खून के बदले खून, जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो आवाज का होना स्वाभाविक है. जब एक प्रधानमंत्री टीवी पर ऐसी बातें कह रहा था, तब सिख खुद को बचाने की कोशिश में लगे थे. इससे जाहिर होता है कि इस पूरे कृत्य को कांग्रेस का संरक्षण था. कांग्रेस ने सभी दोषियों को अब तक संरक्षण दे रखा था, लेकिन आज दिल्ली हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है वह काबिल-ए-तारीफ है.'
Union Minister Harsimrat Kaur Badal: It is Sajjan Kumar today, it will be Jagdish Tytler tomorrow then Kamal Nath and eventually the Gandhi family. pic.twitter.com/6QnZgTLEEs
— ANI (@ANI) December 17, 2018
Union Minister Harsimrat Kaur Badal on conviction of Sajjan Kumar: I want to thank PM Modi that on Shiromnai Akali Dal's request in 2015 he set up an SIT to probe 1984 massacre. It's a historic judgement. Wheels of justice have finally moved. pic.twitter.com/uc3Yk0lV6T
— ANI (@ANI) December 17, 2018
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उन्होंने आगे कहा कि 'सिख दंगों में गांधी परिवार का हाथ था. इस कत्लेआम में कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल थे. जिन्हें अब तक गांधी परिवार संरक्षण देता आया है, लेकिन आज सज्जन कुमार को सजा हो गई है कल जगदीश टाइटलर फिर कमलनाथ और फिर पूरे गांधी परिवार की बारी है. कोर्ट ने भी माना है कि दोषियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था, तभी वह इतने दिनों तक बचते आ रहे थे. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने 2015 में शिरोमणि अकाली दल के अनुरोध पर 1984 में सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए SIT का गठन किया.'