VIDEO: ITBP जवानों के जज्‍बे ने बचाई बुजुर्ग की जान, 3KM पैदल चल स्‍ट्रेचर से पहुंचाया हॉस्पिटल
Advertisement

VIDEO: ITBP जवानों के जज्‍बे ने बचाई बुजुर्ग की जान, 3KM पैदल चल स्‍ट्रेचर से पहुंचाया हॉस्पिटल

गुरुवार दोपहर बुजुर्ग शंकर को दिल का दौरा पड़ गया. अब शंकर के इलाज के लिए न ही गांव में कोई डॉक्‍टर था और न ही अस्‍पताल पहुंचाने के लिए कोई रास्‍ता.

आईटीबीपी के इस जज्‍बे से न केवल बुजुर्ग की जान बच गई बल्कि उन्‍हें बेहतर उपचार मिल सका.

नई दिल्‍ली: इं‍डो-तिब्‍बतन बार्डर पुलिस (ITBP) फोर्स के जवानों ने अपना दायरा देश के सरहदों की रखवाली तक ही सीमित नहीं रखा है. आईटीबीपी के जवान देश की सरहदों की रखवाली के साथ मुसीबत में फंसे हर देशवासी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. आईटीबीपी के जवानों के दिलों में अपनों की मदद का जज्‍बा इस कदर भरा हुआ है कि जब किसी को कोई रास्‍ता नहीं सूझता है, तब विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में वे अपनों की मदद से पीछे नहीं हटते हैं. 

  1. पड़ोसी के मोबाइल से मांगी आईटीबीपी से मदद
  2. ITBPकैंप से गांव को रवाना हुई डाक्‍टरों की टीम
  3. बुजुर्ग को हाथों में लेकर किया तीन किमी का सफर

आईटीबीपी के जवानों का यह जज्‍बा हाल में छत्तीसगढ़ के हदेली इलाके में देखने को मिला है. जहां आईटीबीपी के जवानों ने हार्ट अटैक से पीडि़त एक बुजुर्ग की जान बचाने के लिए करीब तीन किलोमीटर का सफर पैदल तय किया. तीन किलोमीटर के इस पैदल सफर में जवानों ने स्‍ट्रेचर पर लेटे बुजुर्ग को अपने हाथों में थाम रखा था. आईटीबीपी के जवानों का जज्‍बा और सहृदयता ही थी कि समय रहते न केवल इस बुजुर्ग को अस्‍पताल पहुंचा गया बल्कि बुजुर्ग की जान बचाई जा सकी.  

आईटीबीपी के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, छत्‍तीसगढ़ के हदेली इलाके में एक छोटा सा गांव बाडेकोडेर है. यह गांव मुख्‍य सड़क से करीब तीन किलोमीटर दूर है. मुख्‍य सड़क और गांव के बीच कोई ऐसा संपर्क मार्ग भी नहीं है, जिससे कोई भी वाहन वहां पहुंच सके. सड़क तक पहुंचने के लिए गांववाले खेत की पगड़डि़यों का इस्‍तेमाल रास्‍ते की तरह करते हैं. 

... जब  65 वर्षीय बुजुर्ग शंकर को आया हार्ट अटैक
आईटीबीपी के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, इसी गांव में 65 वर्षीय बुजुर्ग शंकर भी रहते हैं. गुरुवार दोपहर बुजुर्ग शंकर को दिल का दौरा पड़ गया. अब शंकर के इलाज के लिए न ही गांव में कोई डॉक्‍टर था और न ही अस्‍पताल पहुंचाने के लिए कोई रास्‍ता. शंकर के परिवार को इस दौरान कोई भी ऐसा रास्‍ता नहीं सूझ रहा था कि वे अपने घर के मुखिया की जान बचा सकें. इसी बीच, परिवार वालों को आईटीबीपी के जवानों का ख्‍याल आया. उन्‍हें याद आया कि गश्‍त पर आने वाले आईटीबीपी के जवान हमेशा कहते थे कि कोई दिक्‍कत हो तो बेहिचक बता देना.

 

पड़ोसी के मोबाइल से मांगी आईटीबीपी से मदद
घर के एक बच्‍चा दौड़ते हुए अपने पड़ोस के घर मे पहुंचा. उसने पड़ोसी से अनुरोध किया कि वह फोन कर आईटीबीपी वालों को बुजुर्ग शंकर की हालत के बाबत बता दे. पड़ोसी ने मदद करते हुए आईटीबीपी के हदेली कैंप में फोन कर इसकी जानकारी दे दी.  शंकर के परिजनों ने हदेली कैंप के कंट्रोल रूम को बताया कि गांव के बुजुर्ग के सीने में बहुत तेज दर्द हो रहा है. उन्‍हें बहुत तेज पसीना भी आ रहा है. उनकी मदद करें. 

कैंप से गांव को रवाना हुई डाक्‍टरों की टीम 
फोन पर मिले संदेश में जो लक्षण बताए गए थे, उससे आईटीबीपी की टीम को स्‍पष्‍ट हो गया कि बुजुर्ग को हार्ट अटैक आया है. लिहाजा, आवश्‍यक दवाई और छोटे उपकरण लेकर जवानों और डॉक्‍‍‍‍‍‍‍टरों की टीम ने गांव की तरफ दौड़ लगा दी. आईटीबीपी की टीम का गांव पहुंचना इनता आसान नहीं था. एक तरफ तेज बारिश हो रही थी, दूसरी तरफ गांव जाने के लिए कोई पक्‍का रास्‍ता भी नहीं था. इन सब बाधाओं की परवाह न करते हुए आईटीबीपी की टीम ने गांव की दौड़ लगा दी. जिससे बुजुर्ग की जान बचाई जा सके.    

बुजुर्ग को हाथों में लेकर तय किया तीन किमी का सफर
गांव पहुंची आईटीबीपी की टीम ने पहले बुजुर्ग शंकर को सीपीआर सहित प्राथमिक चिकित्‍सा दी, जिससे उनकी जान को सुरक्षित किया जा सके. इसके बाद जवानों ने बुजुर्ग को स्‍ट्रेचर पर लिटाया और हाथों में स्‍ट्रेचर को टांग कर करीब तीन किलोमीटर का सफर तय कर मुख्‍य सड़क तक पहुंचे. जहां आईटीबीपी की एम्‍बुलेंस उनका इंतजार कर रही थी. आईटीबीपी की इसी एंबुलेंस से बुजुर्ग को कोंडागांव जिला अस्‍पताल पहुंचाया गया. आईटीबीपी के इस जज्‍बे से न केवल बुजुर्ग की जान बच गई बल्कि उन्‍हें बेहतर उपचार मिल सका.

Trending news