वो मुगल बादशाह जिसकी कब्र पाकिस्तान में है, देकर गया है मुहब्बत की दो निशानियां
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वो मुगल बादशाह जिसकी कब्र पाकिस्तान में है, देकर गया है मुहब्बत की दो निशानियां

Mughal Emperor Jahangir: मुगल शासक औरंगजेब की कब्र इन दिनों काफी विवादों में है. इस बीच में हम आपको उसके दादा जहांगीर की कब्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पाकिस्तान में मौजूद है. हालांकि उनके दफन होने की कहानी काफी दिलचस्प है

वो मुगल बादशाह जिसकी कब्र पाकिस्तान में है, देकर गया है मुहब्बत की दो निशानियां

Jahangir: महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद गहराया हुआ है. पिछले दिनों नागपुर में इसी को लेकर हिंसा भी देखने को मिली, जिसमें बड़ी तादाद पुलिसकर्मी और अन्य लोग जख्मी हुए हैं. इस मामले की पुलिस जांच कर रही है और कई लोगों को हिरासत में भी लिया है. भारत में अक्सर मुगल शासकों को लेकर बयानबाजी चलती रहती है. भारत के इतिहास के 300 साल ऐसे हैं, जब मुगलों ने यहां राज किया. इसकी कहानी बाबर से शुरू होती है. उसके बाद हुमायूं, फिर अकबर, जहांगीर, शाहजहां और आखिर में औरंगजेब शामिल है. 

1605 से 1627 भारत पर जहांगीर ने किया शासन

फिलहाल औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद हो रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि इन मुगल बादशाहों में से एक की दो कब्रे हैं वो भी एक पाकिस्तान में और एक भारत में हैं. 1605 से 1627 तक भारत पर राज करने वाले जहांगीर की कब्र पाकिस्तान में मौजूद है. जहांगीर औरंगजेब के दादा थे. उनकी कब्र की कहानी काफी दिलचस्प है. दरअसल जहांगीर की आंतें भारत में दफनाई गईं थीं, जबकि बाकी शरीर पाकिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक हुआ था. 

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मौत से पहले लाहौर से आ गए थे कश्मीर

28 अक्टूबर 1627 को राजौरी और भिम्बेर (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर) के बीच 58 साल की उम्र में हुई थी. अपने आखिरी दिनों में जहांगीर अपनी पत्नी नूरजहां के साथ पाकिस्तान के लाहौर में रह रहे थे लेकिन माहौल बदलने के लिए कश्मीर आ गए थे, यहीं पर उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और 58 साल की उम्र में कश्मीर में ही मौत हो गई.

लाहौर में है मुख्य जहांगीर की मुख्य कब्र

जहांगीर की कब्र का लाहौर में होना ही सही माना जाता है. उनकी मौत के बाद उनके शरीर के कुछ अवशेष, खासतौर पर आंतों को जम्मू-कश्मीर के चिंगुस सराय में अस्थायी रूप से दफनाया गया था. हालांकि इसके बाद जहांगीर के बाकी शरीर को पालकी में बैठी हुई मुद्रा में लाहौर ले जाया गया था. लाहौर शहर में रावी नदी के किनारे शाहदरा बाग में उनकी मुख्य कब्र मौजूद है.

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अनारकली का मकबरा

इसके अलावा जहांगीर दो मोहब्बत की निशानियां भी छोड़कर गया है. इसमें एक अनारकली का मकबरा और दूसरा नूरजहां का मकबरा है. अनारकली का मकबरा भी लाहौर में मौजूद है. यह मकबरा एक प्रेम कहानी से जुड़ा हुआ है, जो मुगल सम्राट अकबर के बेटे सलीम (बाद में जहांगीर) और अनारकली अकबर के हरम की सदस्या थी, हालांकि इसको लेकर कई तरह के मत हैं.

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नूरजहां का मकबरा

दूसरी निशानी नूरजहां का मकबरा है, जो जहांगीर की पत्नी थीं. जहांगीर को मुगल साम्राज्य की सबसे ताकतवर महिला माना जाता था. उनका मकबरा भी लाहौर में ही है. इसकी निर्माण खुद नूरजहां ने करवाया था. मकबरा यमुना नदी के किनारे स्थित था, लेकिन समय के साथ यह जर्जर अवस्था में चला गया. ब्रिटिश शासन के दौरान इसका काफी नुकसान हुआ था, लेकिन अब इसे ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित किया गया है.

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