DNA: ना हिंसा, ना बदतमीजी...मुर्शिदाबाद से 2000 किमी दूर जैन समाज का विरोध नजीर है
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DNA: ना हिंसा, ना बदतमीजी...मुर्शिदाबाद से 2000 किमी दूर जैन समाज का विरोध नजीर है

Jains In India: मुर्शिदाबाद से 2000 किलोमीटर दूर मुंबई में जैन समाज के 3000 से ज्यादा लोगों ने प्रदर्शन किया. जैन समाज इस देश में अल्पसंख्यक है. उन्होंने आज ये प्रदर्शन जैन मंदिर के टूटने के विरोध में किया था। BMC ने मुंबई के विले पार्ले ईस्ट के कांबलीवाड़ी में 30 साल पुराना पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर तोड़ दिया था.

DNA: ना हिंसा, ना बदतमीजी...मुर्शिदाबाद से 2000 किमी दूर जैन समाज का विरोध नजीर है

Jain Community Contribution in India: विरोध के नाम पर देश में किस तरह का माहौल बनाया जा रहा है. ये आपको मालूम ही है. लेकिन आज हम आपके सामने दो अलग तस्वीरें पेश कर रहे हैं. दोनों तस्वीरें हमारे देश के 2 अलग-अलग लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के प्रदर्शन की है. एक तरफ मुस्लिम समुदाय है और दूसरी तरफ जैन समाज. दोनों तरफ भीड़ सड़कों पर है. लेकिन इन दोनों भीड़ की सोच में फर्क है.

BMC ने तोड़ दिया जैन मंदिर

मुर्शिदाबाद से 2000 किलोमीटर दूर मुंबई में जैन समाज के 3000 से ज्यादा लोगों ने प्रदर्शन किया. जैन समाज इस देश में अल्पसंख्यक है. उन्होंने आज ये प्रदर्शन जैन मंदिर के टूटने के विरोध में किया था। BMC ने मुंबई के विले पार्ले ईस्ट के कांबलीवाड़ी में 30 साल पुराना पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर तोड़ दिया था. इस बात से ये लोग नाराज थे. प्रदर्शनकारी मुंबई समेत आस-पास के दूसरों शहरों से भी आए थे. इन सबको व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए बुलाया गया था. वैसे ही जैसे देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन के नाम पर हिंसा करने के लिए भी बुलाया जाता है. 

बांधी थी काली पट्टी

जैन समाज के लोग व्हाट्सएप ग्रुप में बुलाने पर प्रदर्शन में शामिल तो हुए लेकिन उन्होंने कोई हंगामा नहीं किया. इस विरोध-प्रदर्शन में सांसद, विधायक भी शामिल हुए. ये पूरा प्रदर्शन सड़क पर हुआ और करीब 2 किलोमीटर तक चला. लेकिन इस दौरान ना तो कोई हंगामा हुआ ना किसी ने कोई बदतमीजी की. हिंसा का तो सवाल ही नहीं उठता है. अधिकांश लोग सफेद कपड़े पहने हुए थे. बाजू पर काली पट्टी बंधी थी और सभी एक पंक्ति में आगे बढ़ते हुए नारे लगा रहे थे.

नहीं लगाए आजादी के नारे

कहीं कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई. इनमें गुस्सा तो था लेकिन इन्होंने कहीं तोड़-फोड़ नहीं की. जबकि जैन मंदिर टूटने से प्रदर्शन में शामिल हर किसी की धार्मिक भावना को चोट पहुंची थी. लेकिन किसी ने भी अपनी धार्मिक भावना को संविधान और कानून से ऊपर उठने नहीं दिया. किसी ने देश विरोधी नारा नहीं लगाया. किसी ने आजादी आजादी के नारे नहीं लगाए। सिर्फ BMC के खिलाफ नारेबाजी करते रहे और आगे बढ़ते रहे.

इस प्रदर्शन के बाद जैन समाज ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है. मलबे को BMC साफ कर देगा और मंदिर की मूर्तियों को स्थापित कर दिया जाएगा. इसके बाद टेम्पररी स्ट्रक्चर तैयार कर दिया जाएगा. अभी ये मामला कोर्ट में है तो कोर्ट में ही चलता रहेगा.

मुंबई में जैन समाज से जुड़े करीब 50 लाख लोग रहते हैं. मुंबई में जैन समुदाय के जुड़े 100 से ज्यादा संगठन हैं. देश की कुल आबादी में जैन समुदाय की आबादी केवल 0.36 फीसदी है. यानी आज के लिहाज से 1 अरब 46 करोड़ की जनसंख्या वाले हमारे देश में जैन केवल 52 लाख के करीब हैं. लेकिन इनके योगदान के आंकड़े को आप देखेंगे तो हैरान रह जाएंगे।

अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ अनुमानित आंकड़े है जो आज आपको देखना चाहिए.

  • देश के कुल इनकम टैक्स देने में जैन समाज का योगदान 20 फीसदी से ज्यादा है.

  • जैनियों में शिक्षा दर करीब 95 प्रतिशत है जबकि देश में शिक्षा दर लगभग 78 फीसदी है.

  • देश में प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा जैन समाज के लोगों की ही है.

  • 46 प्रतिशत स्टॉक ब्रोकर्स जैन समाज से हैं.

  • प्राइवेट सेक्टर की ओर से होने वाले 20 फीसदी एक्सपोर्ट में जैन समाज का योगदान है.

  • देश के 33% जेम्स-ज्वैलरी सेक्टर पर नियंत्रण इन्हीं का है.

  • देश के 50% हीरे के कारोबार से जुड़े हैं.

  • देश की करीब 20 फीसदी फार्मा कंपनी जैन समाज के लोग संभाल रहे हैं.

  • देश की करीब 20 फीसदी टेक्सटाइल इंडस्ट्री जैन समाज के लोग संभाल रहे हैं.

पैसा, पावर और रुतबा सबकुछ होने के बावजूद जैन समाज के लोग शांति से इस देश में रहते हैं और जब विरोध करना होता है तो गांधी जी के बताए अहिंसा के मार्ग पर ही चलते हैं. वो ना तो खून की होली खेलने की धमकी देते ना ही आजादी का नारा लगाते हैं.

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