भूमि विधेयक में संशोधन लाने का कदम एक छलावा: कांग्रेस
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भूमि विधेयक में संशोधन लाने का कदम एक छलावा: कांग्रेस

भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने रविवार को कहा कि सरकार की ओर से संशोधन लाने का कदम एक छलावा है ताकि उद्योगपतियों फायदा पहुंचाया जा सके। पार्टी ने मोदी पर यह दावा करने के कारण ‘झूठ बोलने’ का आरोप लगाया कि उन्होंने 13 कानूनों में संशोधन कर फायदा पहुंचाया है।

भूमि विधेयक में संशोधन लाने का कदम एक छलावा: कांग्रेस

नई दिल्ली : भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने रविवार को कहा कि सरकार की ओर से संशोधन लाने का कदम एक छलावा है ताकि उद्योगपतियों फायदा पहुंचाया जा सके। पार्टी ने मोदी पर यह दावा करने के कारण ‘झूठ बोलने’ का आरोप लगाया कि उन्होंने 13 कानूनों में संशोधन कर फायदा पहुंचाया है।

मोदी की ओर से रेडियो पर ‘मन की बात’ किए जाने के बाद कांग्रेस ने कहा कि 13 अधिनियमों में संशोधन साल 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनिवार्य प्रावधानों का हिस्सा थे। मोदी ने कहा कि इस विधेयक के मुद्दे पर झूठ फैलाया जा रहा है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस दावे को लेकर भी सवाल किया कि 2013 के कानून के कारण रक्षा एवं सुरक्षा संबंधित परियोजनाओं में विलंब हुआ।

कांग्रेस मुख्यालय में रमेश ने कहा, ‘‘मोदी ने अपने मन की बात में दावा किया कि वह 13 कानूनों में संशोधन लाए हैं। उन्होंने किसी पर एहसान नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण (पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन) अधिनियम-2013 में यह निर्धारित था कि उन 13 कानूनों में संशोधन एक साल के भीतर किए जाएंगे जिनके बारे में मोदी ने बात की है।

पूर्व पर्यावरण एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा, ‘‘उनकी मन की बात झूठ का पुलिंदा थी। उन्होंने भ्रम फैलाने का प्रयास किया है।’’ रमेश ने दलील दी कि यह झूठ है कि संप्रग 13 कानूनों में संशोधन करना भूल गयी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ऐसा नहीं कर पायी क्योंकि समय कम था और चुनाव नजदीक आ गये थे।

उन्होंने कहा, ‘‘कानून में यह निर्धारित किया गया था कि इसे एक साल के भीतर किया जायेगा। मोदी सरकार करीब आठ माह तक सोती रही तथा अध्यादेश को एक छलावे रूप में जल्दबाजी में लाया गया ताकि उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा सके।’’

मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम में कहा कि 2013 के कानून में सबसे बड़ी कमी थी कि रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्गों एवं खनिज जैसी सरकारी गतिविधियों के 13 पहलुओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया जिसके लिए अधिकतम जमीन अधिग्रहीत की जाती है। इसका मतलब यह हुआ है कि इन मकसदों के लिए जमीन अधिग्रहीत करने पर मुआवजे का भुगतान 120 साल पुराने कानून के आधार पर दिया जायेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे बताइये, यह भूल थी या नहीं। क्या यह भूल नहीं थी..हमने इसमें सुधार किया और नये विधेयक में इन गतिविधियों को शामिल किया गया है और इसके परिणामस्वरूप अधिग्रहीत की जाने वाली जमीन पर चार गुना मुआवजा दिया जायेगा।’’ रमेश ने कहा कि मुआवजा भी कोई एहसान नहीं है क्योंकि 2013 के कानून में भी इसे निर्धारित किया गया था कि ग्रामीण इलाकों में चार गुना और शहरी इलाकों में दोगुना मुआवजा दिया जाएगा।

भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में मोदी सरकार की ओर से लाए गए संशोधन को ‘किसान विरोधी, अमीर समर्थक’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संशोधन सामाजिक प्रभाव के आकलन से पूरी तरह से दूर हैं।

रमेश ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर बहस के लिए तैयार है।

भूमि अधिग्रहण पर पर अन्ना हजारे की ओर से कांग्रेस के समान विचार प्रकट करने के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि दोनों संपर्क में है और उनके मन मिले हुए हैं। मोदी ने आज आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर विपक्ष पर झूठ और भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने कहा कि भाजपा के शासन में किसान खुदकुशी कर रहे हैं और आतंकवादियों द्वारा जवानों को मारा जा रहा है।

 

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