J&K निकाय चुनाव : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और कविंदर गुप्ता ने जम्मू में डाला वोट
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J&K निकाय चुनाव : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और कविंदर गुप्ता ने जम्मू में डाला वोट

पहले चरण में 1,283 उम्मीदवार मैदान में हैं. पहले चरण में जम्मू के 247 वार्ड, कश्मीर में 149 और लद्दाख के 26 वार्ड में चुनाव हो रहे हैं. 

अलगाववादियों के बंद की घोषणा को देखते हुए वोटिंग को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

श्रीनगर: आतंकवादी धमकियों के बीच सोमवार (8 अक्टूबर) को जम्मू-कश्मीर में नगर निकाय चुनाव के पहले चरण की वोटिंग शुरू हो चुकी है. अलगाववादियों के बंद की घोषणा को देखते हुए वोटिंग को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पहले चरण में करीब एक दर्जन जिलों के 422 वार्डों में मतदान सोमवार सुबह सात बजे से वोटिंग जारी है. पहले चरण में 1,283 उम्मीदवार मैदान में हैं. पहले चरण में जम्मू के 247 वार्ड, कश्मीर में 149 और लद्दाख के 26 वार्ड में चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण के बाद 10 अक्टूबर को दूसरे चरण में 384 वार्ड, तीसरे चरण में 13 अक्टूबर को 207 वार्ड, और 16 अक्टूबर को आखिरी चरण में 132 वार्डों में वोट डाले जाएंगे. मतगणना 20 अक्टूबर को होगी.

  1. पहले चरण में 1,283 उम्मीदवार मैदान में हैं
  2. पहले चरण में जम्मू के 247 वार्ड पर डाले जा रहे वोट
  3. पहले चरण में कश्मीर में 149 और लद्दाख के 26 वार्ड में चुनाव हो रहे हैं

10.20 बजे : निकाय चुनाव के पहले चरण के दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने जम्मू में अपने वोट डाला. 

09.00 बजे : श्रीनगर के बेमिना बूथ पर पत्रकारों को तस्वीरें खींचने के लिए मना किया गया. 

08.45 बजेः बांदीपोरा के 17 वार्डों में कुल 48 वोट एक घंटे में डाले गए. 

दक्षिणी कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद
वोटिंग में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए दक्षिणी कश्मीर के हिस्से में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. इसके अलावा कश्मीर घाटी में इंटरनेट की स्पीड घटाकर 2G कर दी गई है.

इससे पहले राज्य में 2005 में गुप्त मतदान के जरिये नगर निकाय चुनाव हुए थे और उनका पांच साल का कार्यकाल फरवरी 2010 में खत्म हो गया था. जम्मू और श्रीनगर नगर निगमों समेत प्रदेश में कुल 1,145 वार्डों के लिये चार चरणों में होने वाले चुनाव के लिये 2,990 उम्मीदवार मैदान में हैं.

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जम्मू क्षेत्र से कुल 2,137 उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि श्रीनगर से 787 उम्मीदवार और लद्दाख क्षेत्र से 66 उम्मीदवार मैदान में हैं. कश्मीर घाटी में 231 और जम्मू में 13 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. एक चुनाव अधिकारी ने कहा, ‘प्रदेश में पहले चरण के चुनाव के लिये प्रचार शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो गए. कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है.’

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मतदान की तारीख और उम्मीदवारों से हैं अनजान
जम्मू कश्मीर में अनेक लोगों को इस बारे में बहुत कम मालूम है और उनमें से अधिकतर ने अपने उम्मीदवारों को नहीं जानने तथा मतदान की तारीख पता नहीं होने की शिकायत की. श्रीनगर निवासी सुहैब अहमद ने बताया कि उनके वार्ड के लोग नहीं जानते हैं कि इस बार उनके उम्मीदवार कौन-कौन हैं. 

निजी कंपनी में नौकरी करने वाले अहमद ने कहा, ‘यहां किसी भी पूछिए कि क्या उन्हें पता है कि कौन-कौन उम्मीदवार हैं. हर व्यक्ति आपको बताएगा कि उसे कुछ नहीं मालूम. काफी गोपनीयता है.’ अहमद ने आरोप लगाया कि सरकार को बस यह दिखाने में दिलचस्पी है कि चुनाव हुआ है, उसे उपयुक्त तरीके से चुनाव कराने में कोई रुचि नहीं है.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर की वर्तमान स्थिति उम्मीदवारों को खुलेआम प्रचार करने की इजाजत नहीं देती है क्योंकि उनकी जान को खतरा है. अलगाववादियों ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया है, आतंकवादियों ने इन चुनावों में हिस्सा लेने वालों को निशाना बनाने की धमकी दी है.

उन्होंने कहा, ‘उम्मीदवारों को सुरक्षा दी गयी है और उनमें से ज्यादातर लोगों ने सुरक्षित ठिकानों पर शरण ले रखी है. स्थिति ऐसी है कि वे प्रचार नहीं कर सकते. केवल आतंकवादियों से ही नहीं, बल्कि भीड़ से भी खतरा है.’ 

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केवल श्रीनगर ही नहीं, घाटी के अन्य क्षेत्रों के लोगों ने भी अपने वार्डों में चुनाव के बारे में अनजान होने की बात कही. गंदेरबल के इशफाक अहमद ने कहा, ‘‘हमें पता नहीं है कि हमारे वार्ड से चुनाव कौन लड़ रहा है. अब तक कोई चुनाव प्रचार नहीं कर रहा है या घर-घर नहीं जा रहा है. सरकार ने भी चुाव आयोग की वेबसाइट पर उम्मीदवारों का ब्योरा नहीं डाला है. कहीं कोई विवरण नहीं है. केवल उम्मीदवार को ही पता है कि वह चुनाव लड़ रहा है. शायद, उसके परिवार को भी पता नहीं है, इतनी गोपनीयता है.’ 

मतदान के पक्ष में नहीं थी कांग्रेस
उसने कहा कि ज्यादातर लोग चुनाव का बहिष्कार करेंगे, बस उम्मीदवार के रिश्तेदार एवं मित्र वोट डालेंगे. खालिद नाम के व्यक्ति ने कहा कि वह पहले मतदान को लेकर बहुत रोमांचित था लेकिन अब उसका मानना है कि स्थिति सुधरने तक चुनाव स्थगित कर दिया जाए. गंदेरबल में 16 अक्टूबर को आखिरी चरण में मतदान है. उम्मीदवारों के बारे में गोपनीयता के अलावा, शहर के कुछ क्षेत्रों में लोगों को यह भी नहीं पता है कि वोट कब डालना है.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य में माहौल चुनाव के लायक नहीं है लेकिन पार्टी ने चुनाव लड़ने का निर्णय किया क्योंकि केंद्र ने लोगों पर चुनाव थोप दिया. इस पूरी प्रक्रिया में गोपनीयता संदेह को जन्म देती है.

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