Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में बदलती फिजा..अलगाववाद अंतिम सांस पर! हुर्रियत के चार अहम गुटों ने अपनाई देशभक्ति की राह
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Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में बदलती फिजा..अलगाववाद अंतिम सांस पर! हुर्रियत के चार अहम गुटों ने अपनाई देशभक्ति की राह

Kashmir Politics: जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. चार अलगाववादी समूहों ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़कर भारत संघ के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की है.

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में बदलती फिजा..अलगाववाद अंतिम सांस पर! हुर्रियत के चार अहम गुटों ने अपनाई देशभक्ति की राह

Kashmir Politics: जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. चार अलगाववादी समूहों ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़कर भारत संघ के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की है. यह घटनाक्रम घाटी में बढ़ती पुलिस कार्रवाई के कुछ ही दिनों बाद सामने आया है. जिससे संकेत मिलता है कि अलगाववाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है.

गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटनाक्रम को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक कदम है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार के तहत अलगाववाद अपनी अंतिम सांस ले रहा है और एकता की यह लहर पूरे कश्मीर में गूंज रही है. उन्होंने अन्य अलगाववादी समूहों से भी मुख्यधारा में लौटने और भारत के संविधान को स्वीकार करने का आह्वान किया.

अलगाववादियों पर बढ़ी कानूनी कार्रवाई

हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हुर्रियत से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत चल रही जांच के तहत कई अलगाववादी नेताओं के घरों और ठिकानों पर छापेमारी की गई. हुर्रियत कांफ्रेंस से अलग होने की घोषणा करने वाले चार प्रमुख संगठन जेके डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट, जेके पीपुल्स मूवमेंट, जेके तहरीक-ए-इस्तकलाल और जेके तहरीक-ए-इस्तकामाल हैं. तहरीक-ए-इस्तकलाल के नेता गुलाम नबी सोफी ने भारतीय संविधान के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए कहा कि मैं अतीत में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं रहा हूं और न ही भविष्य में ऐसे किसी समूह का हिस्सा बनने का इरादा रखता हूं.

बड़े अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी

पिछले एक सप्ताह से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने श्रीनगर, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, बडगाम, बांदीपोरा, बारामूला और कुपवाड़ा में कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया. इन छापों में हुर्रियत के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अब्दुल गनी भट और शब्बीर अहमद शाह (जो वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं) सहित अन्य संदिग्धों के आवासों, दुकानों और परिसरों को खंगाला गया.

कानूनी प्रक्रिया के तहत सख्त कार्रवाई

तलाशी अभियान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत के विशेष न्यायाधीश से मिले वारंट के आधार पर चलाया गया. सभी तलाशी कार्य कार्यकारी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए की गईं. अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान घाटी में अलगाववाद के बचे-खुचे अवशेषों को पूरी तरह खत्म करने के लिए चलाया जा रहा है. हिंसा या राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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