जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा में भी पास होने के बाद पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों तक अपनी बात अलहदा अंदाज में रखी.
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा में भी पास होने के बाद पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों तक अपनी बात अलहदा अंदाज में रखी. उन्होंने 5 भाषाओं-इंग्लिश, हिंदी, उर्दू, पंजाबी और लद्दाखी में अपनी बात रखी. दरअसल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में ये पांच भाषाएं बोली जाती हैं. उन्होंने कहा, ''ऐतिहासिक क्षण. एकता और अखंडता के लिए सारा देश एकजुट. जय हिंद! हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए यह एक गौरव का क्षण है, जहां जम्मू-कश्मीर से जुड़े ऐतिहासिक बिल भारी समर्थन से पारित किए गए हैं. मैं जम्मू-कश्मीर की बहनों और भाइयों के साहस और जज्बे को सलाम करता हूं. वर्षों तक कुछ स्वार्थी तत्वों ने इमोशनल ब्लैकमेलिंग का काम किया, लोगों को गुमराह किया और विकास की अनदेखी की. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब ऐसे लोगों के चंगुल से आजाद है. एक नई सुबह, एक बेहतर कल के लिए तैयार है!
उन्होंने कहा, ''ये कदम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के युवाओं को मुख्यधारा में लाएंगे, साथ ही उन्हें उनके कौशल और प्रतिभा को प्रदर्शित करने के अनगिनत अवसर प्रदान करेंगे. इससे वहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा, व्यापार-उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के नए अवसर बनेंगे और आपसी दूरियां मिटेंगी. लद्दाख के लोगों को विशेष रूप से बधाई! मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की उनकी दशकों पुरानी मांग आज पूरी हो गई है. इस फैसले से लद्दाख के विकास को अभूतपूर्व बल मिलेगा. लोगों के जीवन में समृद्धि और खुशहाली आएगी.''
ہم ایک ساتھ ہیں، ہم ایک ساتھ اٹھیں گے اور ہم ایک ساتھ مل کر 130 کروڑ ہندوستانیوں کے خوابوں کو شرمندہ ٔ تعبیر کریں گے! ہماری پارلیمانی جمہوریت میں ایک یادگار لمحہ، جب جموں و کشمیر سے متعلق سنگ میل بل زبردست حمایت کے ساتھ منظور ہوئے ہیں۔ جموں و کشمیر کو اس سے فائدہ پہنچے گا۔
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2019
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उन्होंने कहा, ''इन विधेयकों का पारित होना देश के कई महान नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि है: सरदार पटेल, जो देश की एकता के लिए समर्पित थे; बाबासाहेब अम्बेडकर, जिनके विचार सर्वविदित हैं; डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. संसद में जिस प्रकार विभिन्न पार्टियों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर और वैचारिक मतभेदों को भुलाकर सार्थक चर्चा की, उसने हमारे संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को बढ़ाने का काम किया है. इसके लिए मैं सभी सांसदों, राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को बधाई देता हूं.
अस किट्ठे आं तां ऐं, किट्ठे होइयै इक सौ 30 करोड़ भारतवासियें दे सुखनें गी पूरे करगे।
साढ़े संसदीय लोकतंत्र दा इक ऐतिहासिक मौका, जित्थै जम्मू कश्मीर कन्नै सरबंधत महत्वै आले बिल मते समर्थन कन्नै पास करी लैते गे न।
इस कारण जम्मू कश्मीर गी फायदे होंगन।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2019
उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को गर्व होगा कि सांसदों ने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर उनके भविष्य को लेकर चर्चा की. साथ ही साथ वहां शांति, प्रगति और समृद्धि की राह सुनिश्चित की. RS में 125:61 और LS में 370:70 का विशाल बहुमत इस फैसले के प्रति भारी समर्थन को दिखाता है.