Jammu Kashmir News: मीरवाइज उमर फारूक अपने बयानों की वजह से हमेशा चर्चाओं में बने रहते हैं. श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार को आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर आवामी एक्शन कमेटी पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग की.
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Jammu Kashmir News: मीरवाइज उमर फारूक अपने बयानों की वजह से हमेशा चर्चाओं में बने रहते हैं. एक बार फिर उन्होने लोगों को संबोधित किया. बता दें कि जम्मू-कश्मीर आवामी एक्शन कमेटी (एएसी) पर प्रतिबंध के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में मीरवाइज उमर फारूक ने सरकार के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की. इस प्रतिबंध को उन्होंने कठोर बताया है.
श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार को आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मीरवाइज ने शांति, संवाद और सामाजिक सुधार के लिए संगठन की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला.
संगठन की जड़ों का पता लगाते हुए मीरवाइज उमर फारूक ने मीरवाइज यूसुफ शाह की विरासत के बारे में बात की और कहा कि उन्होंने निरंकुश शासन के तहत कश्मीरियों की राजनीतिक चेतना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने पिता मीरवाइज मोहम्मद फारूक के योगदान पर भी प्रकाश डाला, जिन्होंने 1964 में एएसी की स्थापना की थी.
उन्होंने कहा कि उनके पिता एक दूरदर्शी और साहसी नेता थे, जिनका दिल लोगों, उनकी चिंताओं और उनकी भलाई के लिए धड़कता था और वे एक गैरकानूनी संगठन कैसे बना सकते थे. उन्होंने सरकार से एएसी पर से प्रतिबंध तुरंत हटाने का आग्रह किया.
आपको बता दें कि 11 तारीख को केंद्र सरकार ने मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाली अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. इसने मसरूर अब्बास अंसारी की अध्यक्षता वाली जम्मू और कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) पर भी पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.
'हुर्रियत कॉन्फ्रेंस'
जम्मू कश्मीर में करीब 32 सालों से अलगाववादियों की अगुवाई कर रहे इस संगठन पर केंद्र सरकार की टेढ़ी नज़र रही है. इनके इरादों के चलते अलगाववादी धड़ों के खिलाफ UAPA के तहत प्रतिबंध लगा. दिसंबर 2023 में जम्मू कश्मीर के संगठन तहरीक ए हुर्रियत पर प्रतिबंध लगा. बता दें कि मीरवाइज उमर फारुक हुर्रियत के नेता रहे हैं. भारत सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत दी गई विशेष स्थिति या स्वायत्तता को रद्द कर दिया इसके बाद हालात संभालने के लिए तमाम संगठनों और नेताओं पर प्रतिबंध लगा था. इसी सिलसिले में मीरवाइज उमर फारुक को नजरबंद किया गया था.