वॉटर प्रोजेक्ट को लेकर छिड़ी 'तकरार', महबूबा मुफ्ती ने CM उमर अब्दुल्ला को घेरा, इस पोस्ट पर मचा बवाल
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वॉटर प्रोजेक्ट को लेकर छिड़ी 'तकरार', महबूबा मुफ्ती ने CM उमर अब्दुल्ला को घेरा, इस पोस्ट पर मचा बवाल

Jammu Kashmir News: भारत- पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम हो गया है. हालांकि देश में सियासी तकरार छिड़ी है. जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर एक पोस्ट किया जिस पर महबूबा मुफ्ती ने तंज कसा है. दोनों के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी है. 

वॉटर प्रोजेक्ट को लेकर छिड़ी 'तकरार', महबूबा मुफ्ती ने CM उमर अब्दुल्ला को घेरा, इस पोस्ट पर मचा बवाल

Jammu Kashmir News: भारत- पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम हो गया है. लेकिन सियासी गलियारों में इसकी काफी ज्यादा चर्चा है. भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया. इसी बीच जम्मू- कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने पानी के प्रोजेक्ट को लेकर एक्स पर एक पोस्ट किया जिसके बाद पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने उनपर तंज कसा और दोनों में सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई है. जानिए क्या है पूरा मामला. 

दरअसल सीएम उमर अब्दुल्ला ने उत्तरी कश्मीर में वुलर झील का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि वीडियो में आप जो सिविल कार्य देख रहे हैं, वह तुलबुल नेविगेशन बैराज है. इसे 1980 के दशक की शुरुआत में शुरू किया गया था, लेकिन सिंधु जल संधि का हवाला देते हुए पाकिस्तान के दबाव में इसे छोड़ना पड़ा. अब जब IWT को "अस्थायी रूप से निलंबित" कर दिया गया है. तो मुझे आश्चर्य है कि क्या हम इस परियोजना को फिर से शुरू कर पाएंगे.  इससे हमें नेविगेशन के लिए झेलम का उपयोग करने की अनुमति मिलने का लाभ मिलेगा. इससे सर्दियों के दिनों में डाउनस्ट्रीम बिजली परियोजनाओं के बिजली उत्पादन में भी सुधार होगा.

वीडियो पोस्ट करने के बाद महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का तुलबुल नेविगेशन परियोजना को पुनर्जीवित करने का आह्वान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे समय में जब दोनों देश पूर्ण युद्ध के कगार से वापस लौटे हैं. जिसमें जम्मू-कश्मीर निर्दोष लोगों की जान, व्यापक विनाश और अपार पीड़ा के माध्यम से इसका खामियाजा भुगत रहा है, ऐसे बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना हैं, बल्कि खतरनाक रूप से भड़काऊ भी हैं. हमारे लोग देश के किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह शांति के हकदार हैं. पानी जैसी आवश्यक और जीवन देने वाली चीज़ को हथियार बनाना न केवल अमानवीय है, बल्कि द्विपक्षीय मामले को अंतर्राष्ट्रीय बनाने का जोखिम भी है.

 

इस पर पलटवार करते हुए उमर ने लिखा कि वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि सस्ती लोकप्रियता पाने और सीमा पार बैठे कुछ लोगों को खुश करने की अपनी अंधी लालसा के कारण, आप यह स्वीकार करने से इनकार करते हैं कि IWT जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों के साथ सबसे बड़ा ऐतिहासिक विश्वासघात है. मैंने हमेशा इस संधि का विरोध किया है और मैं ऐसा करना जारी रखूंगा. एक स्पष्ट रूप से अनुचित संधि का विरोध करना किसी भी तरह से युद्धोन्माद नहीं है, यह एक ऐतिहासिक अन्याय को ठीक करने के बारे में है जिसने जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने पानी का उपयोग करने के अधिकार से वंचित कर दिया.

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